Earthquake: भूकंप के जोरदार झटकों से कांपी धरती, डरे सहमे लोग घरों से बाहर भागे
punjabkesari.in Sunday, Nov 30, 2025 - 09:24 PM (IST)
नेशनल डेस्क: नेपाल एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल उठा। रविवार (30 नवंबर) को सुदूर पश्चिम प्रांत के बझांग जिले में आए 4.2 तीव्रता के भूकंप ने लोगों में दहशत फैला दी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भूंकप का केंद्र मात्र 10 किमी की कम गहराई पर था, जिससे आफ्टरशॉक्स का खतरा बना रहा।
दोपहर में तेज झटका, लोग घरों से भागे बाहर
स्थानीय समयानुसार 12:09 बजे आए झटकों का केंद्र बझांग के साइपाल पर्वत क्षेत्र में था। कंपन इतना अचानक था कि लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। झटके पड़ोसी जिलों—बाजुरा और आसपास के पश्चिमी क्षेत्रों- में भी महसूस किए गए। गनीमत यह रही कि किसी नुकसान की खबर नहीं मिली। थोड़ी देर तक दूसरे झटके का डर बना रहा, लेकिन जब सब शांत रहा तो लोगों ने राहत की सांस ली।
EQ of M: 4.2, On: 30/11/2025 11:54:03 IST, Lat: 29.34 N, Long: 81.41 E, Depth: 10 Km, Location: Nepal.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 30, 2025
For more information Download the BhooKamp App https://t.co/5gCOtjdtw0 @DrJitendraSingh @OfficeOfDrJS @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia pic.twitter.com/ET6l0gTDJ9
कुछ दिन पहले भी हिला था नेपाल
यह इलाका पहले भी कांप चुका है। 6 नवंबर को यहां 3.6 तीव्रता का भूकंप आया था। बझांग जिला सबसे सक्रिय भूकंपीय जोन 4 और 5 में आता है, इसलिए यहां हर साल कई बार भूकंप दर्ज किए जाते हैं।
नेपाल में इतना भूकंप क्यों आता है?
नेपाल दुनिया के सबसे संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्रों में है। कारण बेहद वैज्ञानिक और खतरनाक हैं-
1. टेक्टोनिक प्लेटों की टक्कर
- नेपाल उस स्थान पर स्थित है जहां इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट आपस में टकराती हैं।
- इस टक्कर से अत्यधिक दबाव बनता है, जो समय-समय पर भूकंप के रूप में निकलता है।
2. सबडक्शन ज़ोन
- इंडियन प्लेट, यूरेशियन प्लेट के नीचे सबडक्ट हो रही है।
- इससे धरती की पपड़ी में लगातार तनाव और खिंचाव बढ़ता है।
3. हिमालय का भूगर्भीय निर्माण जारी
- इसी टक्कर के कारण हिमालय पर्वत हर साल ऊपर उठ रहा है।
- यह पूरा क्षेत्र अत्यधिक भूकंपीय गतिविधियों वाला जोन बना हुआ है।
नेपाल का भूकंप इतिहास भी इसकी संवेदनशीलता को साबित करता है- 2015 का विनाशकारी भूकंप आज भी लोगों की यादों में ताजा है।
