दुनिया पर एक और बड़ा खतराः US के सैन्य ठिकानों तक पंहुचा किलर कोरोना, परमाणु ठिकाने भी चपेट में
punjabkesari.in Saturday, Apr 11, 2020 - 12:55 PM (IST)
वॉशिंगटनः कोरोना वायरस की महामारी ने अमेरिका जैसी महाशक्ति को घुटनों के बल पर ला दिया है। अमेरिका में अब तक 18 हजार से ज्यादा लोगों की वायरस से मौत हो गई है और 5 लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। कोरोना वायरस के इस कहर से दुनिया पर एक और बड़े खतरे की आशंका पैदा हो गई है। अमेरिकी पत्रिका न्यूज वीक के मुताबिक अमेरिका के 41 राज्यों में स्थित 150 सैन्य ठिकानों तक किलर कोरोना वायरस पहुंच गया है। यही नहीं दुनिया में अमेरिकी नौसैनिक शक्ति का प्रतीक माने जाने वाले 4 परमाणु ऊर्जा चालित विमानवाहक पोत भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं।
हाल ही में अमेरिकी विमानवाहक USS थियोडोर रुजवेल्ट के 4 हजार नौसैनिकों को गुआम ले जाया गया था। वहां उनकी जांच की जा रही है। इसमें बड़ी तादाद में नौसैनिकों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इस एयरक्राफ्ट कैरियर के कैप्टन ने जब मदद की गुहार लगाई तो उसे हटा दिया गया। अमेरिका के 3 हजार सैनिक कोरोना पॉजिटिवअमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के मुताबिक उसके 3 हजार सैनिक कोरोना पॉजिटिव हैं। एक हफ्ते में यह तादाद दो गुना हो गई है। हालत यह है कि अमेरिका के अंदर और बाहर स्थित उसके ठिकानों तक कोरोना वायरस बहुत तेजी से पैर पसार रहा है। इसकी वजह से अमेरिकी सेना की सभी गैर जरूरी गतिविधियां रुक गई हैं।
इसके अलावा सैनिकों का प्रशिक्षण और उनकी भर्ती भी नहीं हो रही है। कोरोना वायरस ने अमेरिकी नौसेना पर सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद आर्मी और फिर एयरफोर्स। अमेरिका के 41 राज्यों में स्थित सैन्य ठिकानों को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है। सबसे ज्यादा संकट सैन डियागो, नोरफॉक, वर्जिनिया और जैक्शनविले, फ्लोरिडा और टेक्सास के नौसैनिक ठिकानों पर आया है। यूएस एयरफोर्स के मेरीलैंड स्थित हवाई ठिकाने पर बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
वहीं सेना के साउथ कैरोलिना आदि ठिकानों को भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है।दुनिया में हथियारों पर निगरानी करने वाली संस्था सिप्री के वैज्ञानिक हैन्स क्रिस्टेंशन के मुताबिक कोरोना वायरस अब अमेरिका के ज्यादातर परमाणु हथियार ठिकानों तक पहुंच चुका है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस का परमाणु हथियार ठिकानों तक पहुंचना दुनिया के लिए बहुत खतरनाक लक्षण है। इससे उनकी सुरक्षा के साथ समझौता हो सकता है। हालांकि अमेरिकी परमाणु बमों की सुरक्षा दुनिया में बेहतरीन मानी जाती है।