खतरे में बंगाल टाइगर का अस्तित्व, जल्द हो सकते हैं विलुप्त

punjabkesari.in Thursday, Feb 14, 2019 - 11:08 AM (IST)

 

मेलबर्नः वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और समुद्र के बढ़ते जल स्तर के कारण बंगाल टाइगर का अस्तित्व खतरे में हैं और ये जल्द विलुप्त हो सकते हैं । वैज्ञानिकों  के अनुसार प्रसिद्ध बंगाल टाइगर का आखिरी तटीय गढ़ और दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन माने जाने वाले सुंदरवन अगले 50 वर्षों में नष्ट हो सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि 10,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक क्षेत्र में फैले बांग्लादेश और भारत का सुंदरबन क्षेत्र पृथ्वी पर सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है और लुप्तप्राय बंगाल टाइगर के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र भी है।

ऑस्ट्रेलिया की जेम्स कुक यूनिर्विसटी के एक प्रोफेसर बिल लॉरेंस ने कहा, ‘‘ आज के समय में 4,000 से भी कम संख्या बंगाल टाइगर जीवित रह गए हैं।’’ लॉरेंस ने कहा, ‘‘यह बाघ के लिए वास्तव में बहुत ही कम संख्या है। कभी वे बहुत बड़ी संख्या में हुआ करते थे, लेकिन आज मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश के छोटे क्षेत्रों तक ही सीमित रह गए हैं।’’

इंडिपेंडेंट यूनिर्विसटी बांग्लादेश के एक सहायक प्रोफेसर, शरीफ मुकुल ने कहा, ‘‘हमारे विश्लेषण के मुताबिक, जो सबसे ज्यादा भयानक बात है वह यह है कि सुंदरवन में बाघों के आवास 2070 तक पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे।’’ उनके विश्लेषणों में मौसम संबंधी अत्यंत उतार-चढ़ाव वाली घटनाओं और समुद्र-स्तर में वृद्धि जैसे कारकों को शामिल किया गया था।


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Tanuja

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