चीनी वायरोलॉजिस्ट ने खोली पोल-वुहान से वायरस लीक बारे सब जानते थे डा.फाउची, जानबूझ कर रहे चुप
punjabkesari.in Sunday, Jun 06, 2021 - 12:48 PM (IST)

लॉस एंजलिसः चीन के वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने का मामला अब लगातार जोर पकड़ता जा रहा है। इस मामले में वैज्ञानिकों व जांच एजेंसियों द्वारा नित नए दावे किए जा रहे है। वायरस की उत्पति को लेकर दुनिया के निशाने पर आए चीन की एक महामारी रोग विशेषज्ञ (वायरोलॉजिस्ट) डॉ. ली-मेंग ने अब अमेरिका के प्रमुख वैज्ञानिक को निशाने पर लिया है। इस चीनी वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि अमेरिका के शीर्ष कोरोना वायरस सलाहकार एंथनी फाउची के ईमेल से उसके दावों की पुष्टि होती है कि उन्हें वुहान लैब से वायरस लीक होने की जानकारी थी।
ली मेंग ने कहा कि डॉ. फाउची को सब पता था और यह भी कि शहर के बीच वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च कर रहा है। वुहान शहर में ही पहली बार कोरोना वायरस फैला था। उन्होंने कहा कि एक ईमेल के मुताबिक 'डॉ. फाउची को पिछले साल एक फरवरी को अचानक अहसास हुआ था कि कोरोना वायरस में गेन ऑफ फंक्शन रिसर्च भी शामिल हो सकती है। ' बता दें कि फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट के जरिए वॉशिंगटन पोस्ट, बजफीड न्यूज और सीएनएन ने 3 हजार से ज्यादा पेज के ईमेल अमेरिकी सरकार से हासिल किए हैं । ये ईमेल-जनवरी से जून 2020 तक के हैं जिनके दस्तावेजों के जारी होने के बाद अमेरिका में इस बात की बहस छिड़ गई है कि क्या डॉ. फाउची सबकुछ जानते हुए भी चुप रहे।
फॉउची के ईमेल में अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की शुरुआत के बारे में जिक्र है। डॉ. फाउची और उनके सहयोगियों ने शुरू में ही वायरस का अंदाजा लगा लिया था और यह भी कि हो सकता है कि वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से लीक हुआ हो। सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में फॉउची ने कहा कि उनके ईमेल को संदर्भ से हटाकर पेश किया जा रहा है और अब भी वायरस की उत्पत्ति को लेकर उनके विचार खुले हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक लैब लीक की बात है, "मुझे नहीं लगता कि वायरस को वुहान की लैबोरेट्री से लीक किया गया है।
दबाव बढ़ने के बाद अब एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय नेता वुहान लैब लीक थ्यौरी पर फोकस कर रहे हैं। डॉ. ली-मेंग ने न्यूजमैक्स के साथ कहा कि फाउची के ईमेल में बहुत सारी जानकारियां हैं और इससे पता चलता है कि फॉउची ने जितना बताया है, उससे कहीं ज्यादा जानते हैं। इस सप्ताह जारी हुए फाउची के ईमेल सामग्री पर बोलते हुए ली-मेंग ने कहा, "वे लोग हमेशा से मेरे काम की पुष्टि करत रहे हैं, यहां तक कि पिछले साल जनवरी से ऐसा चला आ रहा है। अब साबित हो गया है कि इन लोगों को सबकुछ पता था लेकिन, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और अपने फायदे के लिए इन्होंने सबकुछ छुपाया। "
दरअसल चीन की यह वायरोलॉजिस्ट लगातार दोहराती रही हैं कि कोरोना वायरस चीन की लैब से निकला है। दरअसल कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए अमेरिका में फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन के तहत इस हफ्ते मीडिया को बड़ी संख्या में डॉ. फाउची के ईमेल जारी किए गए हैं।पिछले साल अप्रैल में भेजे एक मेल में एक हेल्थ चैरिटी का एक्जीक्यूटिव डॉ. फाउची को इस बात के लिए शुक्रिया अदा करता है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही कि वैज्ञानिक सबूत कोरोना वायरस के लैब से लीक होने की पुष्टि नहीं करते हैं। चीन की डॉक्टर ली-मेंग यान दुनिया भर के वैज्ञानिकों में पहली थीं, जिन्होंने कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में रिसर्च किया और जानकारी दी। न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ली मेंग को बाद में अपने खुलासे के लिए छिपना पड़ा।
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