दुनिया में नई महामारी की आहट ! क्या है ''मंकी वायरस'' जिससे चीन में हुई पहली मौत ? ये हैं लक्षण व जोखिम
punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 05:11 PM (IST)

बीजिंग: दुनिया को कोरोना वायरस महामारी में धकेलने वाले देश चीन से अब एक और महामारी की आहट मिल रही है। शनिवार को चीन में 'मंकी बी वायरस' की वजह से संक्रमित डॉक्टर की मौत से दुनिया टेंशन में है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अधिकारिक तौर पर जानवरों पर रिसर्च करने वाले 53 वर्षीय पशु चिकित्सक की 'मंकी बी वायरस' की वजह से मौत की पुष्टि कर दी है। इस रिपोर्ट के बाद अब सवाल ये है कि आखिर 'मंकी बी वायरस' कितना खतरनाक है, इसके लक्षण क्या क्या हैं और क्या ये वायरस भी कोरोना महामारी की तरह की दुनिया में फैल जाएगा?
इस बार कितना सच बोल रहा चीन?
ग्लोबल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजधानी बीजिंग स्थित एक पशु चिकित्सक में बंदर से निकले वायरस की पुष्टि की गई है, लेकिन इलाज के दौरान पशु चिकित्सक ने दम तोड़ दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस का नाम मंकी बी वायरस यानि बीवी है और पशु चिकित्सक इस वायरस के संपर्क में आने के बाद काफी बीमार हो गया था। हालांकि, अभी चीन की सरकारी मीडिया ने दावा किया है कि डॉक्टर के संपर्क में आने वाले सभी लोग ठीक हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि कई महीनों तक कोरोना वायरस को लेकर झूठ बोलने वाला चीन इस बार कितना सच बोल रहा है?
मृत बंदरों पर रिसर्च कर रहा था जान गंवाने वाला डाक्टर
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बंदर वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाला डॉक्टर जानवरों पर रिसर्च करने वाली प्रयोगशाला में काम करता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च के शुरुआती दिनों में डॉक्टर की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे उल्टियां आनी शुरू हो गई थी। ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि डॉक्टर का मार्च महीने से ही जी मिचला रहा था और उल्टियां हो रहीं थीं। स्थिति बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक ये डॉक्टर दो मृत बंदरों पर रिसर्च कर रहा था और उसी के संपर्क में आने के बाद वो बीमार पड़ा था। चीन सीडीसी वीकली इंग्लिश प्लेटफॉर्म ऑफ चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने शनिवार को नये वायरस से डॉक्टर की मौत का खुलासा किया है।
कैसे फैलता है 'मंकी बी वायरस'
डॉक्टरों के मुताबिक 'मंकी बी वायरस' एक इंसान से दूसरे इंसान में डायरेक्ट संपर्क में होने से फैल सकता है और एक शरीर के दूसरे शरीर से संपर्क में आने से ये वायरस फैल जाता है। 1933 में मैकाक बी वायरस के संक्रमण से जुड़े जोखिमों के बाद पिछले 12 वर्षों में करीब दो दर्जन से ज्यादा लोगों की इस वायरस से मौत हुई है, जिनमें से पांच लोगों को बंदर ने या तो काटा था या फिर खरोंचा था, या फिर ये लोग किसी भी तरह से बंदर के शरीर से निकले किसी तरह के तरल पदार्थ के संपर्क में आए थे।
कितना खतरनाक है वायरस ?
इस वायरस को सबसे पहले 1933 में पहचाना गया था और ये एक तरह का जीनस मैकाका के मैकाक्स में एक अल्फ़ाहर्पीसवायरस एनज़ूटिक है। और ये वायरस भी कोरोना वायरस की तरह ही संक्रमण फैलाने में सक्षम होता है और इंसान से इंसान में भी फैलता है। सबसे खतरनाक बात ये है कि जहां कोरोना वायरस से होने वाली मौतों का दर काफी कम है, वहीं इस वायरस से होने वाली मौतों का दर करीब 70 प्रतिशत से 80 प्रतिशत है। यानि, अगर 100 लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं, तो करीब 70 से 80 लोगों की मौत हो जाएगी। यानि ये वायरस इंसानों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है।
'मंकी बी वायरस' के लक्षण
- 'मंकी बी वायरस'के एक से लेकर 3 हफ्ते के अंदर लक्षण दिखते हैं।
- इस वायरस से संक्रमित लोगों में पहले सर्दी-बुखार जैसे लक्षण दिखते हैं।
- फिर उल्टी होना शुरू हो जाता है।
- इसके साथ ही ठंड भी लगती है।
- शरीर में काफी ज्यादा दर्द,थकान और सिरदर्द होता।
क्या ये कोरोना की तरह फैलेगा ?
अब तक इस वायरस को लेकर हुए रिसर्च में पता चला है कि 'मंकी बी वायरस' कोरोना वायरस की तरह नहीं फैल सकता है। क्योंकि इस वायरस में जो स्पाइक प्रोटीन होता है, वो काफी इंसानों के शरीर में घुसने के लिए काफी कमजोर होता है। ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता तो है, लेकिन इसके फैलने की रफ्तार काफी ज्यादा कम होती है, लेकिन, डॉक्टर ये भी कहते हैं, कि अगर वायरस अपना नया वेरिएंट तैयार करता है, तो इसके फैलने की रफ्तार तेज भी हो सकती है। लिहाजा डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस की तरह 'मंकी बी वायरस' पर चीन दुनिया से झूठ न बोले। क्योंकि इस वायरस से होने वाली मौतों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है ।
'मंकी बी वायरस' का इतिहास
मंकी बी वायरस संक्रमण का पहला मामला 1933 में सामने आया था, जब एक प्रयोगशाला कर्मचारी को गलती से एक बंदर ने काट लिया था, हालांकि, बाद में वो ठीक हो गया था। लेकिन 2 या तीन दिनों के बाद वो फिर से बीमार पड़ गया और तेज बुखार होने की वजह से सिर्फ 15 दिनों में ही उसकी मौत हो गई थी।