विस्फोटकों का पता लगाने के लिए चीन ने हिंद महासागर में  लगाए सिस्मोमीटर

punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 10:28 AM (IST)

बीजिंगः भूकंप के मापन, ज्वालामुखी फटने या विस्फोटकों के इस्तेमाल का पता लगाने के लिए चीन ने हिंद महासागर के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में कई सिस्मोमीटर लगाने में सफलता हासिल की है। ग्लोबल टाइम्स की खबर के अनुसार, चीन की 49वीं ऑसन एक्सपीडिशन टीम ने रविवार को ऐसे कई सिस्मोमीटर लगाए हैं और पांच अन्य सिस्मोमीटर आगे भी लगाए जाने हैं। 

गौरतलब है कि दक्ष‍िण-पश्चिम हिंद महासागर में चीन के भूकंप संबंधी अनुसंधान को संदेह की नजर से देखा जाता है।  विदेशी मीडिया इसे चीन की एक तरह की सैन्य गतिविधि ही मानती है लेकिन चीन के शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज में रिसर्च फेलो हु झियोंग ने कहा, 'हर संप्रभु देश को अंतरराष्ट्रीय महासागरों में वैज्ञानिक अनुसंधान करने का अधिकार है।'

ऑसन बॉटम सिस्मोमीटर समुद्र की सतह पर लगाए जाते हैं और यह समुद्र में किसी तरह के प्राकृतिक या कृत्रिम बदलावों की जानकारी देते हैं।किसी सिस्मोमीटर का कार्यकाल कुछ महीने से लेकर कई साल तक होता है।चीन ने पहली बार दक्ष‍िण-पश्चिम हिंद महासागर के जुनहुई हाइड्रो-थर्मल फील्ड में सिस्मोमीटर लगाए हैं।

इसके पहले चीन ने इसके पास तीन अन्य हाइड्रो-थर्मल फील्ड लोंगक्वी, युहुआंग और दुआनक्‍वियो में सिस्मोमीटर लगाए हैं।चीन के एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस इलाके में भूकंप आने की संभावना रहती है।नए सिस्मोमीटर में बड़ी बैटरी क्षमताएं हैं और यह एक साल से ज्यादा समय से काम कर सकता है। इनसे अब छोटे से छोटे भूकंप का भी मापन किया जा सकता है।


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Tanuja

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