अध्ययन में खुली पोल, क्यों चीन की उंगलियों पर नाच रहा पाकिस्तान

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2023 - 03:17 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्‍तान की आर्थिक हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। इसे अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से राहत मिली हो लेकिन फिर भी चीन अब  नहीं है। वहीं अब देश के आर्थिक जानकारों ने पाकिस्तान के हालात और चीन की नीयत  को लेकर नए खुलासे किए हैं ।  ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान क्यों चीन की कठपुतली बना हुआ है और उसकी उंगलियों पर नाच रहा है। ताजा अध्ययन के अनुसार चीन ने पाक को अपने ऋण जाल में इतनी बुरी तरह फंसा रखा है कि वो उसका हर इशारा मानने को मजबूर है। 

 

निक्केई एशिया ने इस सप्ताह सामने आए एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि  चीन ने पिछले 20 वर्षों में पाकिस्तान को अनुमान की तुलना में लगभग 21 बिलियन डॉलर अधिक का ऋण दिया है। अध्ययन के अनुसार नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान के पास दुनिया में चीन के पैसों से बना सबसे बड़ा एनर्जी सेक्टर भी है। इसी कर्ज के कारण पाकिस्तान न चाहते हुए भी चीन के इशारों पर नाच रहा है, क्योंकि  उसके पास चीन के कर्ज की किस्त तक  चुकाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं।

 

अमेरिका में विलियम और मैरी यूनिवर्सिटी के एक शोध संस्थान एडडाटा ने 2000 से 2021 की अवधि के लिए पाकिस्तान पर चीन के संचयी सार्वजनिक ऋण  की गणना 67.2 बिलियन डॉलर की है। यह विश्व बैंक के इंटरनेशनल डेब्ट स्टैटिक्स में इसी अवधि के लिए दर्ज 46 बिलियन डॉलर से अधिक है। एडडाटा ने अपने अध्ययन में पाकिस्तान के सरकारी डेटा का हवाला दिया है। मंगलवार को जारी वैश्विक चीनी विकास वित्त रिपोर्ट ग्लोबल साउथ की नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में विशेष रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीन के ऋण की बढ़ती जांच के बीच आई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि "बीजिंग दुनिया के सबसे बड़े आधिकारिक कर्ज प्रदाता की भूमिका निभा रहा है।

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन से कर्ज लेने वाले 80 फीसदी देश वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं। इनमें पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे बड़े दक्षिण एशियाई देश भी शामिल हैं। पाकिस्तान अपने पड़ोसी चीन के साथ मिलकर 50 अरब डॉलर के लागत से बनने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का विकास कर रहा है। यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की एक प्रमुख परियोजना है। आंकड़ों से पता चला है कि रूस और वेनेजुएला के बाद पाकिस्तान चीनी कर्ज हासिल करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। इसके बावजूद राजनीतिक अस्थिरता और भारी मुद्रास्फीति के दबाव से जूझ रहे पाकिस्तान को डिफॉल्ट से बचने के लिए इस साल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज लेना पड़ा है। पाकिस्तान में उथल-पुथल वाले चुनावी मौसम में बढ़ता चीनी ऋण भार बहस का केंद्र हो सकता है ।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tanuja

Related News