संयुक्त राष्ट्र में चीन ने माना- शिनजियांग शिविर में रखे उइगर अब्दुल गफूर की हो चुकी मौत

punjabkesari.in Monday, Oct 05, 2020 - 12:58 PM (IST)

 

लंदन: मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर दुनिया भर में चीन की खिलाफत बढ़ती जा रही है । इस बीच बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र में एक उइगर शख्स की मौत की पुष्टि कर चौंका दिया है। जिस शख्स की मौत हुई है उसके परिवार का कहना है कि वह 2017 से शिनजियांग के कैंप में नजरबंद था।

 

अप्रैल 2019 में अब्दुलगफूर हापिज के लापता होने का मामला संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह WGEID में दर्ज किया गया था। हालाँकि, चीन ने इस महीने तक किसी भी औपचारिक पूछताछ का जवाब नहीं दिया था। लेकिन इस बारे में जानकारी मांगने पर एक दस्तावेज में बीजिंग ने WGEID को बताया कि काशगर के सेवानिवृत्त ड्राइवर अब्दुलगफूर की मौत लगभग दो साल पहले, 3 नवंबर 2018 को "गंभीर निमोनिया और तपेदिक" से हुई थी।

 

चीन के इस बयान पर गफूर की बेटी फातिमा ने कहा कि विश्वास नहीं होता कि उनके पिता की मौत इन बीमारियों से हुई..मैं मान जाती अगर किसी अन्य बीमारी से या शुगर से उनकी मौत हुई होती। गफूर की बेटी को संदेह है कि उनके पिता को हिरासत के दौरान मार दिया गया है। बता दें कि चीन ने 10 लाख उइगर मुसलमानों को गोपनीय कैंपों में कैद कर रखा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार पैनल इस बात की विश्वसनीय रिपोर्ट होने का दावा कर चुका है। पैनल ने चीन के शिनजियांग प्रांत में सामूहिक हिरासत शिविरों में कैद उइगर मुसलमानों पर चिंता जताई है।

 

संयुक्त राष्ट्र की नस्लीय भेदभाव उन्मूलन कमिटी की सदस्य गे मैकडॉगल ने चीन में हुई बैठक में कहा था कि शिनजियांग को विशाल नजरबंदी शिविर बना रखा गया है। ऐसा लगता है कि यहां सारे अधिकार वर्जित हैं। सब गुप्त है। धार्मिक उग्रवाद से निपटने के लिए चीन ने ऐसा किया है। नस्लीय धार्मिक पहचान की वजह से उइगर समुदाय के साथ चीन में दुश्मनों की तरह व्यवहार किया जा रहा है। विदेशों से शिनजियांग प्रांत लौटने वाले सैकड़ों उइगर छात्र लापता हैं। कई हिरासत में हैं। कई हिरासत में मर चुके हैं।


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Tanuja

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