चीन की सत्ताधारी पार्टी का फरमान, खुली जगहों पर धार्मिक मूर्तियों को नियमन करने के आदेश

punjabkesari.in Saturday, May 26, 2018 - 05:05 PM (IST)

बीजिंगः चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रांतीय सरकारों को खुली जगहों पर बड़ी धार्मिक मूर्तियों के निर्माण का नियमन करने का आदेश दिया है ताकि बौद्ध एवं ताओ धर्मों का ‘‘ वाणिज्यीकरण ’’ रोका जा सके।

कम्युनिस्ट चीन में बौद्ध एवं ताओ दोनों धर्मों को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई है। इनके हजारों मंदिर भी हैं , जबकि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के संस्थापक माओ त्से तुंग की अगुवाई में हुई सांस्कृतिक क्रांति (1966-76) के दौरान उन पर काफी सख्ती बरती गई थी ताकि चीन को उसके आध्यात्मिक अतीत से मुक्त किया जा सके।  सीपीसी के यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट (यूएफडब्ल्यूडी) ने कल स्थानीय सरकारों को निर्देश दिया कि वे खुली जगहों पर बनाई जाने वाली बड़ी धार्मिक मूर्तियों के नियमन के प्रयास में तेजी लाएं।

ग्लोबल टाइम्स की खबर में कहा गया है कि यूएफडब्ल्यूडी की ओर से बीजिंग में की गई एक बैठक के मुताबिक , चीनी समाज बौद्ध एवं ताओ धर्मों की गतिविधियों के वाणिज्यीकरण के नियमन पर सहमत है। खुली जगहों पर बड़ी धार्मिक मूर्तियों के निर्माण में प्रगति हुई है , लेकिन आगे और भी चुनौतियां हैं। भारत में उछ्वव के बाद चीन पहुंचा बौद्ध धर्म आज इस देश का सबसे पुराना धर्म है। ताओ (जिसे दाओ के नाम से भी जाना जाता है) धर्म का उदय चीन में ही हुआ और यह एक दार्शनिक परंपराहै। बौद्ध मूॢतयां पूरे देश में स्थापित हैं , क्योंकि बौद्ध धर्म चीन में काफी प्रभावी है। 


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Isha

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