चीन समर्थक केपी ओली दूसरी बार बने नेपाल के प्रधानमंत्री

punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2018 - 08:27 PM (IST)

काठमांडू: नेपाल के ऐतिहासिक संसदीय चुनावों में वामपंथी गठबंधन की बड़ी जीत के बाद सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली ने गुरुवार को दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। ओली के प्रधानमंत्री बनने से नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदें एक बार फिर से जगी हैं।

महाराजगंज स्थित राष्ट्रपति कार्यालय -शीतल निवास-में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 65 साल के ओली और दो अन्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वाले दोनों मंत्री सीपीएन-यूएमएल के सदस्य हैं। ओली नेपाल के 41वें प्रधानमंत्री हैं।

इससे पहले, ऐसी खबरें थी कि वाम गठबंधन में शामिल सीपीएन माओवादी के सदस्य भी कैबिनेट में शामिल होंगे। माओवादी पार्टी के करीबी सूत्रों के मुताबिक, माओवादी नेताओं ने शपथ इसलिए नहीं ली क्योंकि उप-प्रधानमंत्री का पद देने की उनकी मांग ओली ने ठुकरा दी। समझा जाता है कि सीपीएन-यूएमएल के महासचिव ईश्वर पोखरेल नई कैबिनेट में उप-प्रधानमंत्री पद मिलने की आस में हैं।

यूएमएल के नेता लाल बाबू पंडित और थुम माया थापा को क्रमश: जनसंख्या एवं पर्यावरण मंत्रालय और महिला एवं बाल मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल को 275 सदस्यों वाली संसद में 121 सीटें मिली और वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई। नेपाली कांग्रेस को 63 जबकि सीपीएन-माओवादी सेंटर को 53 सीटें मिली हैं। सदन में बहुमत साबित करने के लिए ओली को पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ की अगुवाई वाली माओवादी पार्टी के समर्थन की जरूरत होगी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि आज के शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान माओवादी मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल करने में ओली की नाकामी ने नई सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह ऐसे समय में हुआ है जब दोनों कम्युनिस्ट पाॢटयां एकीकरण की प्रक्रिया में हैं।

चीन समर्थक रुख के लिए प्रसिद्ध ओली इससे पहले 11 अक्तूबर, 2015 से तीन अगस्त, 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए ओली का समर्थन सीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और मधेशी राइट््स फोरम डेमोक्रेटिक के अलावा 13 अन्य छोटी पार्टियों ने किया है। इससे पहले, नेपाली कांग्रेस अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने राष्ट्र को संबोधित किया और प्रधानमंत्री पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप दिया। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News