केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दुनिया भर  में ‘आप' समर्थकों ने की भूख हड़ताल

punjabkesari.in Wednesday, Apr 10, 2024 - 03:53 PM (IST)

वाशिंगटन: विश्व भर में आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों और समर्थकों ने धनशोधन के कथित मामले में गिरफ्तार किए गए पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए एकदिवसीय भूख हड़ताल की। धन शोधन रोधी एजेंसी की दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से उच्च न्यायालय के इनकार के कुछ ही घंटे बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का विरोध करने और उनकी तत्काल रिहाई का आह्वान करने के लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, आयरलैंड और ऑस्ट्रेलिया में ‘आप' कार्यकर्ता सोमवार को भारतीय दूतावासों और लोकप्रिय स्थानों के सामने एकत्र हुए।

 

लॉस एंजिलिस में ‘आप' सदस्य जसवंत रेड्डी ने कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल उन लाखों भारतीयों के लिए आशा का प्रतीक हैं जो अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज के लिए लड़ रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र और असहमति के अधिकार पर हमला है। हम चुप नहीं रहेंगे।'' वाशिंगटन डीसी में ‘आप' स्वयंसेवकों ने भारतीय दूतावास के सामने प्रदर्शन किया। इसके अलावा न्यूयॉर्क, बोस्टन, सैन फ्रांसिस्को, डलास, लॉस एंजिलिस, टोरंटो, वैंकूवर, लंदन, डबलिन, बर्लिन, ओस्लो और मेलबर्न में ‘आप' सदस्यों और समर्थकों ने ‘‘भारत में लोकतंत्र पर खतरे और विपक्षी नेताओं की दुर्दशा'' की ओर ध्यान दिलाने के लिए प्रमुख स्थानों पर एक दिवसीय भूख हड़ताल की। ‘आप' कार्यकर्ता परवीन खर्द ने लंदन में कहा, ‘‘हम अरविंद केजरीवाल और उन सभी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं जो भारत में न्याय और लोकतंत्र के लिए लड़ रहे हैं।''

 

पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने कहा ‘‘दुनिया भर में लोग हमारे नेता अरविंद केजरीवाल के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए आज अनशन कर रहे हैं और भारत में विपक्षी नेताओं की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी तथा उनके उत्पीड़न के विरोध में स्पष्ट संदेश दे रहे हैं। '' ‘आप' सदस्यों ने केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन तथा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित अन्य विपक्षी नेताओं की तत्काल रिहाई की भी मांग की। कनाडा के टोरंटो से ‘आप' कार्यकर्ता कमलजीत सिंधु ने कहा ‘‘विपक्षी दलों का उत्पीड़न तत्काल बंद किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोकसभा चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से हों।''  


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Content Writer

Tanuja

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