रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ा अपडेट: युद्ध समाप्ति को तैयार पुतिन! लेकिन रखीं ये 3 कड़ी शर्तें
punjabkesari.in Friday, Aug 22, 2025 - 12:17 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पिछले कुछ सालों से चल रहा सबसे बड़ा संघर्ष रूस-यूक्रेन युद्ध अब एक नए मोड़ पर है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिए हैं कि वह युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार हैं, लेकिन कुछ खास शर्तों के साथ। रॉयटर्स की रिपोर्ट और कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक, पुतिन की यह पेशकश ऐसे समय आई है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध विराम को लेकर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं, और पश्चिमी देशों के साथ तनाव एक बार फिर बढ़ रहा है।
पुतिन की 3 मुख्य शर्तें क्या हैं?
रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन से युद्ध समाप्ति के बदले जिन 3 प्रमुख शर्तों की मांग की है, वे हैं:
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पूर्वी डोनबास क्षेत्र से यूक्रेनी सेना पूरी तरह पीछे हटे
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इसमें डोनेट्स्क और लुहांस्क क्षेत्र शामिल हैं, जहां रूस समर्थित विद्रोही लंबे समय से सक्रिय हैं।
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रूस चाहता है कि इन क्षेत्रों को अब "स्वायत्त या रूसी-नियंत्रित" क्षेत्र के रूप में मान्यता दी जाए।
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यूक्रेन नाटो (NATO) में शामिल होने की इच्छा छोड़े
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रूस लगातार पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो के विस्तार का विरोध करता रहा है।
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क्रेमलिन की नजर में, यूक्रेन का नाटो में शामिल होना रूस की सुरक्षा के लिए खतरा है।
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यूक्रेन तटस्थ देश के रूप में कार्य करे और पश्चिमी सेनाओं को देश में प्रवेश न दे
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रूस चाहता है कि यूक्रेन भविष्य में किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा न बने और "स्थायी सैन्य तटस्थता" बनाए रखे।
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कैसे शुरू हुआ था संघर्ष?
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2014: यूक्रेन में "यूरोमैदान क्रांति" के बाद रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया।
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उसी वर्ष, रूस समर्थित अर्धसैनिक बलों ने पूर्वी डोनबास में विद्रोह शुरू किया।
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2014–2021: सीमित लेकिन लगातार संघर्ष जारी रहा। यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर क्रीमिया को "अवैध रूप से कब्जा किया गया क्षेत्र" घोषित किया।
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फरवरी 2022: रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर सैन्य आक्रमण शुरू किया — यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप का सबसे बड़ा सैन्य हमला बना।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया: क्या मानेगा कीव?
रूस की इन तीनों शर्तों को लेकर यूक्रेन की सरकार में गंभीर असहमति देखी जा रही है:
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राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि: यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं होगा। क्रीमिया और डोनबास पर किसी भी प्रकार की “स्थायी रियायत” स्वीकार नहीं की जाएगी। हालांकि, ज़ेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ से सुरक्षा गारंटी की मांग करते हुए यह संकेत भी दिए हैं कि राजनयिक समाधान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
अमेरिका की भूमिका: ट्रंप से मुलाकात का असर नहीं?
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का में उच्चस्तरीय बैठक हुई। यह बैठक लगभग 3 घंटे चली, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। पुतिन अभी भी अपनी पुरानी तीन शर्तों पर अड़े हुए हैं। अमेरिका और यूरोपीय देश फिलहाल पुतिन की शर्तों को "अन्यायपूर्ण और एकतरफा" मान रहे हैं।