UNHRC में बलूचों और सिधियों पर पाकिस्तान के अत्याचारों की खुली पोल

punjabkesari.in Saturday, Sep 26, 2020 - 04:36 PM (IST)

पेशावरः कई दशकों से बलूच व सिंधी लोग पाकिस्तान के अत्याचारों से तंग आकर उससे अलग होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तान ने इसके लिए हमेशा ही अफगानिस्तान और भारत को इसके लिए दोषी ठहराया है। बलूचिस्तान में बढ़ रही गुमशुदगी की घटनाओं का खुलासा करते हुए बलोच वॉयस एसो. के प्रधान मुनीर मैगल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNHRC) में बताया कि इस क्षेत्र में लोग पाक के अत्याचारों और दमन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। मैगल ने कहा कि UNHRC की बैठक के सैशन दौरान कहा कि बलोचिस्तान के लोग दुख और कष्ट झेल रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि पाक सरकार के जुल्मों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। गौरतलब है कि यहां 1970 के दशक में पाकिस्तान से अलग होने के संघर्ष में पांच वर्षों की अवधि में कम से कम 8000 बलोचों की हत्या की गई। रहस्यमय सामूहिक कब्रों में मिले कंकाल उन बलोच नेताओं और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के हैं जो कि पिछले एक दशक में गायब हो गए हैं। ऐसे लोगों की संख्या 10 हजार से भी अधिक बताई जाती है। कहा जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया सेवा SI ने क्वेटा और इसके आसपास के इलाके का आतंकवादी हब के तौर पर इस्तेमाल किया।

 

इस सैशन के दौरान विश्व सिंधी कांग्रेस के महा सचिव लाखू लुहाना ने पाकिस्तान में सिधी समुदाय के लोगों की गुमशुदगी का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले 3 महीने में 60 से ज्यादा लोग गायब हो चुके हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परिषद से गुहार लगाई कि इस मामले में  सिंध के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और  पाक सरकार की जवाबदेही तय की जाए।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News