चीन के बढ़ते सैन्य खतरों के बीच ताइवान को मिल रहा दुनिया का समर्थन व हमदर्दी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 16, 2021 - 03:16 PM (IST)

ताइपे: चीन की आक्रामक व उकसावे वाली गतिविधियों से सारी दुनिया परेशान है। चीन के बढ़ते सैन्य खतरों के बीच ही अमेरिका सहित दुनिया के कई बड़े देशों का झुका ताइवान  की ओर बढ़ा है। चीन की दादागिरी को लेकर अब वैश्विक मंच पर भी आवाज उठने लगी है कि  बस अब "बहुत हो गया।" हाल ही में, ग्लासगो में COP26 में प्रतिनिधियों को CCP के महावाणिज्यदूत से स्कॉटलैंड को एक पत्र मिला जिसमें उन्हें उन्हें भाग न लेने की चेतावनी दी गई और सलाह दी गई थी कि ताइवान द्वारा "जलवायु सहयोग की आड़ में उनकी स्वतंत्रता के जुनून का समर्थन करने के लिए" उनका "शोषण" किया जा रहा है।

 

इस पत्र के जवाब में, हाउस ऑफ कॉमन्स विदेश मामलों की समिति में बैठे स्टीवर्ट मैकडॉनल्ड्स सांसद ने कहा, "चीन की सरकार द्वारा एडिनबर्ग में अपने वाणिज्य दूतावास के माध्यम से स्कॉटलैंड में लोकतांत्रिक ढंग से चुने गए राजनेताओं के काम में हस्तक्षेप करने का कोई भी प्रयास ताइवान  सरकार और उसके प्रतिनिधिमंडल को  और करीब लाएगा। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने बतायादूसरी ओर यूरोप ने भी ताइवान के लिए अपना हाथ बढ़ाया है क्योंकि यूरोपीय संसद ने बीजिंग के प्रतिशोध की धमकियों को धता बताते हुए द्वीप का दौरा करने के लिए अपना पहला औपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजा है।  यूरोपीय संसद के एक फ्रांसीसी सदस्य और प्रतिनिधिमंडल के नेता राफेल ग्लक्समैन ने ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन से कहा, "हम यहां एक बहुत ही सरल, स्पष्ट संदेश के साथ आए हैं, आप अकेले नहीं हैं।"

 

ताइवान समाचार में लेखक डेविड स्पेंसर ने कहा कि जब ताइवान की संप्रभुता की बात आती है तो CCP हमेशा  खुद को बड़ा और ताकतवर बताता है। लेखक ने कहा कि जब भी ताइवान को एक देश के रूप में वर्णित किया जाता है, उसके राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाता है, या उसके नाम का उल्लेख किया जाता है, तो हमें सीसीपी के प्रवक्ताओं द्वारा तेजी से याद दिलाया जाता है कि यह 'चीनी लोगों को अपमानित करता है'। बता दें कि बीजिंग लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता है और ताइवान में सैन्य घुसपैठ बढ़ा दी है।


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Content Writer

Tanuja

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