अमरीका ने अवैध रूप से रह रहे 1100 भारतीयों को किया डिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2024 - 10:48 PM (IST)
जालंधर (रमनदीप सिंह सोढ़ी): अमरीका के इमिग्रेशन विभाग ने सितंबर महीने तक समाप्त हुए अपने फिस्कल ईयर में अवैध रूप से अमरीका में रह रहे 1100 भारतीयों को चार्टर्ड और कमर्शियल फ्लाइट्स के जरिए वापस भेजा है। अमरीका के होम और आंतरिक सुरक्षा विभाग की बॉर्डर एन्ड इमिग्रेशन पॉलिसी की असिस्टेंट सेक्रेटरी रोज मर्रे ने एक आन लाइन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी। इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि डिपोर्ट किए गए भारतयों में से अधिकतर भारतीय कौन से राज्य से हैं लेकिन इनमे पंजाब और इसके इर्द गिर्द के ऐसे भारतीय शामिल हैं जो मेक्सिको और केनेडा का बार्डर अवैध तरीके से पार कर के अमरीका गए थे।
मर्रे ने कहा कि डिपोर्ट किए गए सभी भारतीयों के पास अमरीका में रहने का कानूनी अधिकार नहीं था लिहाजा इन्हे वापस भेज दिया गया। गौर तलब है कि 22 अक्तूबर को ही अमरीका ने एक फ्लाइट के जरिए अवैध रूप से अमरीका में रह रहे भारतीयों को वापस भेजा है। वापस भेजे गए भारतीयों में महीअलेन भी शामिल थी। हालाँकि अभी तक किसी बच्चे को अवैध रूप से अमरीका में रहने के आरोप एम् डिपोर्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत के अधिकतर युवा अमरीका जाने का सपना देखते हैं लेकिन उन्हें अमरीकी इमिग्रेशन कानूनों के बारे में पूरी जानकारी न होने के कारन कई बार वह गलत रस्ते अख्तियार कर लेते हैं। इसी कारण युवाओं को जागरूक करने के लिए अमरीका का होम सेक्योरिटी विभाग सोशल मीडिया के साथ साथ मेन स्ट्रीम मीडिया में भी जागरूकता अभियान चला रहा है। अमरीका में स्टडी के लिए गए भारतीयों को भी अमरीका का होम एन्ड इमिग्रेशन डिपार्टमेंट इमिग्रेशन कानूनों के बारे में लगातार जागरूक करता रहता है ताकि ओवर स्टे के मामले में डिपोर्ट करने की नौबत न आए।
अमरीका में इललीगल एंट्री पर होता है क्रिमिनल केस
अमरीका के इमिग्रेशन कानून के मुटबैक यदि आप अवैध तरीके से अमरीका में प्रवेश करते हो अथवा वीजा अवधि समाप्त होने के बाद अमरीका में रहते हूँ तो कानून के मुताबिक आपको डिपोर्ट किया जा सकता है। अवैध रूप से अमरीका में प्रवेश करने के मामले में तो अमरीका का कानून क्रिमिनल प्रोसीडिंग शुरू करने की इजाजत भी देता है इसके अलावा ऐसे लोगों के अमरीका में पांच साल तक प्रवेश पर पाबन्दी भी लगा दी जाती है मर्रे ने कहा कि डिपोर्ट किए गए अधिकतर भारतीय अवैध रूप से मेक्सिको और केनेडा का बॉर्डर क्रॉस कर के अमरीका आए थे और इनमे से किसी भी तरह से अमरीका में रहने का वैध कारण नहीं था। यदि अमरीका में किसी विदेशी नागरिक के पास शरण लेने का कोई वाजिब कारण होता है तो ऐसे मामलों को अमरीकी कानून के मुताबिक थोड़ा नरमी से डील किया जाता है लेकिन डिपोर्ट किए गए भारतीयों में कोई भी शरणर्थी वाली केटेगरी में नहीं था।
भारत सरकार के सहयोग से डिपोर्ट किए गए भारतीय
एक सवाल के जवाब में मर्रे ने कहा कि भारतीयों को डिपोर्ट करने की करवाई में भारत सरकार का भी पूरा सहयोग रहा है और भारत के एविएशन मंत्रालय के साथ अमरीकी अधिकारी लगातार संपर्क में रहे और भारत के सहयोग से ही अवैध भारतीयों को लेकर आई फ्लाइट्स की भारत में लेंडिंग हुई। उन्होंने कहा कि अमरीका में अवैध रूप से प्रवेश रोकने के मामले में भी भारत सरकार के अधिकारीयों के साथ मिल कर काम किया जा रहा है। भारत अवैध रूप से मानव तस्करी करने वालों और अवैध ट्रेवल एजेंट्स के बारे में भी जानकारी सांझी कर रहा है. अमरीका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को फ्लाइट के जरिए डिपोर्ट करने का यह पहला मामला नहीं है और पहले भी अमरीका अवैध प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए इसी तरह के तरीके का इस्तेमाल करता आया है इस मामले में उसे हमेषा भारत का सहयोग मिला है