पश्तून संस्कृति पर  टिप्पणी कर बुरे फंसे पाकिस्तान के UN दूत मुनीर अकरम, मांगनी पड़ी माफी

punjabkesari.in Sunday, Feb 05, 2023 - 02:04 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: संयुक्त राष्ट्र (UN) में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने शुक्रवार को पश्तून संस्कृति पर अपनी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के पिता सहित पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कार्यकर्ताओं के निशाने पर आने के बाद उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान पर मानवीय ब्रीफिंग में मेरी टिप्पणियों के कारण पहुंची ठेस के लिए मैं माफी चाहता हूं। मैं चूक गया और मेरे शब्द पाकिस्तान के पक्ष को नहीं दर्शाते हैं।’ राजदूत ने  सफाई देते हुए कहा कि पश्तून संस्कृति के लिए उनके मन में ‘बेहद सम्मान’ है और महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा तक पहुंच से वंचित करना ‘न तो इस्लामी और न ही पश्तून संस्कृति’ है।

 

इससे पहले बुधवार को न्यूयॉर्क में UN की एक ब्रीफिंग के दौरान अकरम ने कहा था कि तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार द्वारा महिलाओं की शिक्षा पर लगाए गए प्रतिबंध धार्मिक कारकों से नहीं बल्कि देश की पश्तून संस्कृति से उपजे हैं। उन्होंने कहा था, ‘अफगान अंतरिम सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि पश्तून संस्कृति के एक अजीबोगरीब सांस्कृतिक दृष्टिकोण से आते हैं, जिसके लिए महिलाओं को घर पर रहने की जरूरत होती है।’ उन्होंने आगे कहा था, ‘और यह अफगानिस्तान की एक असाधारण, विशिष्ट सांस्कृतिक की वास्तविकता है जो सैकड़ों वर्षों से नहीं बदली है।’

 

पख्तून, जिन्हें पख्तून या पठान भी कहा जाता है, अफगानिस्तान में प्रमुख जातीय समूह हैं। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बड़ी संख्या में पश्तून भी हैं, जो अफगानिस्तान के साथ सीमा साझा करता हैं। यह पहली बार नहीं है जब अकरम विवादों में आए हैं। 2008 में, उन्हें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि के पद से बर्खास्त कर दिया गया था क्योंकि उनकी इस बात पर असहमति थी कि क्या बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले को यूएन के साथ उठाया जाए। इससे पहले 2002 में उन पर अमेरिका में उनकी तत्कालीन गर्लफ्रेंड ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था।


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Content Writer

Tanuja

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