बिपारजॉय: पाकिस्तान में 82,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

punjabkesari.in Thursday, Jun 15, 2023 - 11:30 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: चक्रवात बिपारजॉय के बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने से पहले देश के दक्षिणी सिंध प्रांत में 82,000 से ज्यादा लोगों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवात के प्रभाव से कई शहरों में भारी बारिश और बाढ़ की संभावना है और इससे निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ‘बिपारजॉय' का अर्थ बांग्ला में आपदा या विपदा होता है। वर्तमान में ‘‘बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान'' में तब्दील हो चुका बिपारजॉय पाकिस्तान के करीब पहुंच रहा है, जिसकी वजह से अधिकारी जानमाल के संभावित नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती कदम उठा रहे हैं। ‘‘बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान'' के सिंध के थट्टा जिले में केटी बंदरगाह और भारत में कच्छ जिले के बीच पहुंचने की संभावना है।

पाकिस्तान के मौसम विभाग द्वारा बृहस्पतिवार की शाम जारी ताजा अपडेट के अनुसार, चक्रवात और पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया है और अब यह कराची से करीब 245 किलोमीटर दक्षिण में, थट्टा से 200 किलोमीटर दक्षिण में और केटी बंदरगाह से 150 किलोमीटर दक्षिण में है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय समन्वय मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि चक्रवात ‘बिपारजॉय' की ‘गति कम' हो गई है और यह रात से पहले नहीं टकराएगा।

मंत्री ने इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पहले अनुमान था कि चक्रवात सुबह करीब 11 बजे तट से टकराएगा। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन उसकी गति घटकर 6-7 किलोमीटर प्रतिघंटा रह गई है, उसके टकराने का समय भी देर हो गया है और अब उसे रात होने के बाद तट से टकराने की संभावना है।'' हालांकि मंत्री ने कहा है कि चक्रवात की गति कम हो गई है लेकिन यह अभी भी गंभीर बना हुआ है और पहले से चिन्हित स्थान अभी भी खतरे की जद में हैं और उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है। शेरी ने कहा, ‘‘हमने पहले चार जिलों को खतरे की जद में कहा था।

थट्टा, बादिन, सुजावल और मालीर (कराची)। लेकिन, अब जबकि रास्ता उत्तर-पूर्व की ओर हो गया है, थारपाकड़ क्षेत्र को भी चक्रवात के प्रभाव को लेकर सचेत रहने की जरूरत है।'' उन्होंने बताया कि प्रभावित तटवर्ती क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम पूरा हो गया है और अभी तक करीब 82,000 लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया है। मंत्री ने कहा, ‘‘नौसेना, पुलिस बल, रेंजर्स सहित सभी संस्थाएं इसमें मदद कर रही हैं।''

उन्होंने कहा कि फिलहाल वायुसेना की जरूरत नहीं है और जरूरत पड़ने पर वह मदद करेगी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चक्रवात से निपटने के लिए एहतियाती कदम के तहत वे तटीय इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और अन्य इंतजाम करें। उन्होंने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘मैंने अभी सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह से बात की और चक्रवात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की।


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News Editor

Parveen Kumar

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