पाकिस्तान की कथनी और करनी का अंतरः भारत की स्ट्राइक में मारे गए आंतकियों को पाक सेना ने दी श्रद्धांजलि
punjabkesari.in Wednesday, May 07, 2025 - 07:42 PM (IST)

Islamabad: भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत लाहौर के पास स्थित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा (JUD) के मुख्यालय पर की गई सैन्य कार्रवाई में मारे गए तीन आतंकियों के जनाजे में न केवल जेयूडी के सदस्य शामिल हुए, बल्कि पाकिस्तान सेना के कर्मियों और सिविल नौकरशाही के अधिकारियों की उपस्थिति ने इस्लामाबाद की कथनी और करनी का अंतर भी उजागर कर दिया। भारतीय सेना की मिसाइल स्ट्राइक में मारे गए कारी अब्दुल मलिक, खालिद और मुदस्सिर के शवों को बुधवार को मुरीदके लाहौर से करीब 40 किमी दूर, पूरे सुरक्षा इंतजामों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया।जनाजे की नमाज में शामिल हुए पाकिस्तानी सैनिकों और सिविल प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा और पाकिस्तान की सत्ता में बैठे लोगों के बीच कितना गहरा संबंध है।
तबीश कय्यूम, जो कि जेयूडी की राजनीतिक शाखा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग का प्रवक्ता है, ने स्वीकार किया कि हमले के समय तीनों आतंकी मस्जिद से सटे कमरे में सो रहे थे। यह वही मस्जिद है, जिसकी आड़ में भारत ने कई बार आतंकी गतिविधियों के संचालित होने के प्रमाण दिए हैं। कय्यूम ने बताया कि मलिक, खालिद और मुदस्सिर मस्जिद में इमामत करते थे और उसकी देखरेख भी करते थे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि ये तीनों लोग आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे और भारत के खिलाफ हमलों की योजना बना रहे थे। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद स्पष्ट कर दिया था कि सीमा पार से हो रहे आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति की पुष्टि करता है।