चक्रवात ‘दित्वा’ की मार: श्रीलंका में खेत से फैक्ट्री तक सब तबाह, चार लाख श्रमिकों की रोज़ी-रोटी पर संकट
punjabkesari.in Wednesday, Dec 24, 2025 - 12:55 PM (IST)
Colombo: अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) का कहना है कि श्रीलंका में चक्रवात ‘दित्वा' से करीब चार लाख श्रमिक प्रभावित हुए हैं। नवंबर के अंत में आए इस चक्रवात में 640 से अधिक लोगों की जान गई और फसलों, चाय बागानों तथा सड़कों-पुलों सहित महत्वपूर्ण परिवहन अवसंरचना को भारी नुकसान पहुंचा। आईएलओ ने मंगलवार को एक संक्षिप्त रिपोर्ट में बताया कि चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली आबादी करीब 17 लाख है, जो श्रीलंका की कुल आबादी का लगभग 7.5 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, देश में चक्रवात से प्रभावित इलाकों में लगभग 3.74 लाख श्रमिक रहते हैं, जिससे उनकी आजीविका और घरेलू आय पर गहरा असर पड़ा है।
आईएलओ ने कहा कि अनुमानित प्रभावित कार्यबल में 2.44 लाख पुरुष और 1.30 लाख महिलाएं शामिल हैं। इसने कहा, ‘‘क्षेत्रवार आंकड़ों के अनुसार, कृषि क्षेत्र से जुड़ी 85,000 नौकरियां तथा 1.25 लाख औद्योगिक क्षेत्र के रोजगार और 1.64 लाख सेवा क्षेत्र के रोजगार प्रभावित हुए हैं।'' बाढ़ और भूस्खलन के कारण देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा जोखिम में पड़ गया है, जिसकी कीमत करीब 16 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई है। इसका असर कुछ सीमित जिलों तक केंद्रित है।
ILO ने चेतावनी दी कि यदि समय पर इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो असमान पुनर्बहाली की आशंका बढ़ सकती है और स्थानीय स्तर पर लंबे समय तक आर्थिक संकट बना रह सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में आई बाढ़ और भूस्खलन से न केवल अल्पकालिक रोजगार खतरे में पड़ा है, बल्कि दीर्घकालिक खाद्य सुरक्षा और लोगों की आजीविका भी कमजोर हुई है। आईएलओ के अनुसार, यह संकट ऐसे समय में सामने आया है जब श्रीलंका पहले से ही संघर्षोत्तर दौर, कोविड-19 संकट और निर्यात में सुस्ती समेत श्रम बाजार की कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
