श्रीलंकाई नेताओं का जयशंकर को धन्यवाद, कहा-“जब भी मुसीबत आई भारत ने संभाला... साथ खड़ा रहा”

punjabkesari.in Tuesday, Dec 23, 2025 - 05:24 PM (IST)

International Desk: चक्रवात डिटवाह के बाद श्रीलंका में भारत की त्वरित और व्यापक सहायता को लेकर वहां के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का आभार जताया है। श्रीलंका के नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी गठबंधन समागी जन बलवेगया के प्रमुख साजिथ प्रेमदासा ने जयशंकर से मुलाकात के बाद कहा कि “कठिन समय में सच्चे पड़ोसी ही आगे आते हैं। भारत ने उस वक्त मदद की, जब इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत थी।”श्रीलंकाई नेताओं ने जयशंकर को धन्यवाद करते हुए कहा- जब भी मुसीबत आई भारत ने संभाला और साथ खड़ा रहा।

 

प्रेमदासा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि भारत और श्रीलंका को हमेशा अच्छे पड़ोसियों की तरह साथ खड़े रहना चाहिए। वहीं, जयशंकर ने भी इस मुलाकात को उपयोगी बताते हुए कहा कि दोनों पक्षों के बीच चक्रवात डिटवाह के बाद भारत द्वारा प्रस्तावित पुनर्निर्माण पैकेज पर विस्तार से चर्चा हुई। अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने श्रीलंका में बसे भारतीय कारोबारी समुदाय से भी मुलाकात की और राहत कार्यों में उनके योगदान की सराहना की। इसके अलावा उन्होंने श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा, श्रम एवं उप-वित्त मंत्री अनिल जयंत और उप-पर्यटन मंत्री रुवन रणसिंघे से भी बातचीत की। इन बैठकों में श्रीलंका के पुनर्निर्माण और राहत उपायों को लेकर भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता दोहराई गई।

 

जयशंकर ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूरिया से मुलाकात कर भारत के अडिग समर्थन का भरोसा दिया और राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से भेंट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एकजुटता और शुभकामनाओं का संदेश सौंपा। इस दौरान भारत ने श्रीलंका के लिए 450 मिलियन डॉलर के पुनर्निर्माण पैकेज की घोषणा की, जिसमें सड़क, रेलवे और पुलों की मरम्मत, पूरी तरह और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का निर्माण, स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र की मदद, कृषि सहायता और आपदा प्रबंधन को मजबूत करना शामिल है।

 

इसके साथ ही, उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में भारत द्वारा हवाई मार्ग से लाए गए 120 फीट लंबे ड्यूल कैरिजवे बेली ब्रिज का उद्घाटन भी किया गया, जो चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। यह सहायता ऑपरेशन सागर बंधु के तहत दी गई। जयशंकर का यह दौरा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति को मजबूती देता है और आपदा के समय श्रीलंका के साथ भारत की गहरी साझेदारी को दर्शाता है।


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Content Writer

Tanuja

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