म्यांमार में सैन्य हवाई हमले में अस्पताल तबाह, 34 मरीजों और कर्मचारियों की मौत
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 09:04 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क : समाचार एजेंसी एपी (Associated Press) और स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, म्यांमार की सैन्य ताकतों द्वारा किए गए एक हवाई हमले में एक अस्पताल पूरी तरह तबाह हो गया। यह अस्पताल एक प्रमुख विद्रोही सशस्त्र बल के नियंत्रण वाले क्षेत्र में था, जिसमें कम से कम 34 मरीजों और मेडिकल स्टाफ की मौत हो गई।
बुधवार रात पश्चिमी रखाइन राज्य के म्राउक-यू टाउनशिप में स्थित इस जनरल अस्पताल पर हुए हमले में लगभग 80 अन्य लोग घायल हो गए। यह क्षेत्र जातीय अराकान सेना (Arakan Army) के नियंत्रण में है। सत्तारूढ़ सेना ने हालांकि, इस क्षेत्र में किसी भी हमले की कोई घोषणा नहीं की है।
कैसे और कब हुआ हमला?
रखाइन में बचाव सेवाओं के एक वरिष्ठ अधिकारी वाई हुन आंग ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि रात 9:13 बजे एक लड़ाकू जेट ने दो बम गिराए। इनमें से एक बम सीधे अस्पताल के रिकवरी वार्ड में गिरा, जबकि दूसरा अस्पताल की मुख्य इमारत के पास गिरा।
आंग ने बताया कि वह गुरुवार सुबह सहायता प्रदान करने के लिए अस्पताल पहुंचे और उन्होंने 17 महिलाओं और 17 पुरुषों की मौतें दर्ज कीं। उन्होंने कहा कि बमों से अस्पताल की अधिकांश इमारत नष्ट हो गई और अस्पताल के पास खड़ी टैक्सियाँ और मोटरसाइकिलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। रखाइन स्थित ऑनलाइन मीडिया ने क्षतिग्रस्त इमारतों और मेडिकल उपकरणों के मलबे की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए हैं।
रखाइन में स्वास्थ्य संकट
वाई हुन आंग ने कहा कि यह अस्पताल रखाइन के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा का मुख्य स्रोत था, क्योंकि म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध के कारण अधिकांश अस्पताल बंद हो चुके हैं। डॉक्टरों ने म्राउक-यू में इकट्ठा होकर आवश्यक चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए इस अस्पताल को फिर से खोला था। म्राउक-यू, देश के सबसे बड़े शहर यांगून से 530 किलोमीटर (326 मील) उत्तर-पश्चिम में स्थित है, जिस पर पिछले साल फरवरी में अराकान सेना ने कब्जा कर लिया था।
विद्रोही और राजनीतिक स्थिति
अराकान सेना, रखाइन जातीय अल्पसंख्यक आंदोलन की अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सशस्त्र सैन्य शाखा है, जो म्यांमार की केंद्र सरकार से स्वायत्तता की मांग करती है। इसने नवंबर 2023 में रखाइन में अपना आक्रमण शुरू किया और एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सेना मुख्यालय तथा रखाइन की 17 टाउनशिप में से 14 पर कब्जा कर लिया है।
रखाइन, जिसे पहले अराकान के नाम से जाना जाता था, वह स्थान है जहाँ 2017 में सेना के क्रूर विद्रोह-रोधी अभियान के कारण लगभग 740,000 अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों को सीमा पार बांग्लादेश में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। बौद्ध रखाइन और रोहिंग्या के बीच अभी भी जातीय तनाव बना हुआ है।
2021 में तख्तापलट के बाद अपनी सीटें लेने से वंचित किए गए निर्वाचित सांसदों द्वारा स्थापित म्यांमार की समानांतर राष्ट्रीय एकता सरकार (National Unity Government) ने इस हवाई हमले की निंदा की है। संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से सैन्य कार्रवाई समाप्त करने, अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जल्द से जल्द मानवीय सहायता प्रदान करने का दबाव बनाने का आग्रह किया है। म्यांमार 2021 में सेना द्वारा सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद से ही उथल-पुथल में है, जिसने व्यापक जनविरोध को जन्म दिया है। सैन्य शासन के कई विरोधियों ने तब से हथियार उठा लिए हैं, और देश का एक बड़ा हिस्सा अब संघर्ष में उलझा हुआ है।
सैन्य सरकार ने 28 दिसंबर को नियोजित चुनावों से पहले, राष्ट्रीय एकता सरकार से जुड़े सशस्त्र लोकतंत्र-समर्थक पीपुल्स डिफेंस फोर्स (People’s Defence Force) के खिलाफ हवाई हमलों को तेज कर दिया है। सैन्य शासन के विरोधी आरोप लगाते हैं कि ये चुनाव न तो स्वतंत्र होंगे और न ही निष्पक्ष, बल्कि सेना की शक्ति को वैध बनाने का एक प्रयास मात्र हैं।
