ईरान-इजरायल युद्धविराम:12 दिन की तबाही और फिर शांति की पहल, जानिए  युद्धविराम की पूरी इनसाइड स्टोरी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 11:33 AM (IST)

नेशनल डेस्क: 12 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद 24 जून को ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम हो गया। 13 जून को इजरायल के "ऑपरेशन राइजिंग लायन" से शुरू हुई जंग में दोनों ओर से बड़े हमले हुए, जिसने दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया था। कतर की मध्यस्थता और अमेरिकी हस्तक्षेप ने इस तनाव को शांत करने में अहम भूमिका निभाई। आइए जानते हैं कि युध्दविराम के बारे में सबकुछ-

13 जून, 2025 को शुरु हुआ युद्ध-

13 जून को इजरायल ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" शुरू किया, जिसमें ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए गए। इन हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य खुफिया प्रमुख और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। जवाब में ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3" लॉन्च किया और तेल अवीव पर 100 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।

जवाबी हमला और भड़की जंग: (14 जून 2025):

अगले दिन ईरान ने इजरायल पर 100 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। इसमें अधिकांश को इजरायल के आयरन डोम रक्षा प्रणाली ने सफलतापूर्वक रोक दिया। इजरायल ने तेहरान के हवाई क्षेत्र पर नियंत्रण का दावा किया, जबकि ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने सीधी चेतावनी दी कि "इजरायल ने युद्ध शुरू किया है। अब निकल नहीं पाएगा।"

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विश्वव्यापी चिंता: (15 जून 2025):

युद्ध के बढ़ने के साथ ही दुनियाभर में चिंता बढ़ गई। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी गई और वैश्विक नेताओं ने इस संघर्ष पर गहरी चिंता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने इसे "विश्व के लिए खतरनाक मोड़" बताते हुए दोनों देशों से बातचीत की अपील की।

इजरायल का तेहरान पर हमला: (16 जून, 2025)

इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान को सीधा निशाना बनाया। ईरान के स्टेट ब्रॉडकास्टर IRIB के कार्यालयों पर हमला किया गया, जिससे उनकी प्रसारण सेवा बाधित हुई। इस बीच ईरान ने दावा किया कि उसने इजरायल के दो F-35 लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया।

भारत की एडवाइजरी और बढ़ता तनाव: (17 जून, 2025)

मध्य-पूर्व में बिगड़ते हालात के मद्देनजर भारत ने अपने नागरिकों के लिए मध्य-पूर्व में उड़ानें निलंबित करने की एडवाइजरी जारी की। इजरायल ने ईरान के तेल कुओं को निशाना बनाया। वहीं ईरान ने इजरायल के बंदरगाहों पर जवाबी हमले किए।

खामेनेई की धमकी और परमाणु केंद्र पर हमला: (18 जून, 2025)

ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर अमेरिकी सेना इजरायल के खिलाफ युद्ध में शामिल हुई, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। इजरायल ने ईरान के इस्फहान प्रांत में एक परमाणु अनुसंधान केंद्र पर हमला किया, जिसमें तीन वरिष्ठ ईरानी कमांडर मारे गए।

ईरान की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन: (19 जून, 2025)

इस दिन ईरान ने अपनी फतह-1 और सजिल जैसी सुपरसोनिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया, जो दावा किया गया कि 12 मिनट में इजरायल पहुंच सकती हैं। जवाब में इजरायल ने ईरान के 6 हवाई अड्डों पर हमले किए, जिससे 15 फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर नष्ट हो गए।

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नेतन्याहू का बयान और अमेरिकी हस्तक्षेप: (20 जून, 2025)

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान दिया कि "युद्ध का समाधान खामेनेई का खात्मा है।" इस दिन ईरान के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ गुलाम अली राशिद और सेना प्रमुख अली शादमानी भी मारे गए। अमेरिका ने खामेनेई की हत्या के इजरायली प्लान पर वीटो लगा दिया।

अमेरिका युद्ध में कूदा: (21 जून, 2025)

इस दिन अमेरिका सीधे तौर पर युद्ध में शामिल हो गया। अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों पर B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और टॉमहॉक मिसाइलों से हमला किया। जवाब में, ईरान ने खाड़ी में अमेरिकी बेस को निशाना बनाने की धमकी दी।

लंबे युद्ध की तैयारी और बड़े हमले: (22 जून, 2025)

इजरायली सेना ने लंबे अभियान की तैयारी शुरू कर दी। ईरान ने इजरायल के सोरोका अस्पताल पर हमला किया, जिससे भारी तबाही हुई। इजरायल ने अराक रिएक्टर पर हमला किया। अमेरिका ने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम तबाह हो गया है, जबकि ईरान ने दावा किया कि उसने अपने यूरेनियम का स्टॉक वहां से पहले ही हटा लिया था।

ईरान का जवाबी हमला और परमाणु कार्यक्रम को नुकसान: (23 जून, 2025)

ईरान ने इजरायल के स्टॉक एक्सचेंज और अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। इजरायल ने यज्द में ईरान के मिसाइल हेडक्वार्टर को नष्ट कर दिया। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने बयान दिया कि इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सालों पीछे धकेल दिया है।

सीजफायर का ऐलान: (24 जून, 2025)

23-24 जून की दरमियानी रात में ईरान ने कतर में स्थित अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया, जिसके बाद इजरायल ने भी ईरान पर जवाबी कार्रवाई की। इसी दौरान कतर की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच युद्धविराम पर बातचीत शुरू हुई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर घोषणा की कि ईरान और इजरायल ने 12 दिनों के युद्ध के बाद युद्धविराम पर सहमति जताई है। यह समझौता 6 घंटे बाद प्रभावी हुआ, जिससे मध्य-पूर्व में जारी भारी तनाव कम हो गया।


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News Editor

Radhika

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