कुछ समय पहले इस तरह होता था लाई डिटेक्टर टेस्ट, Video देख कांप जाएगी रूह

punjabkesari.in Wednesday, Nov 28, 2018 - 04:53 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः लाई डिटेक्टर टेस्ट के बारे में सभी जानते होंगे कि यह टेस्ट लोगों से सच बुलवाने के लिए किया जाता है। जिसमें मशीनों द्वारा पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पुराने समय में भी लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता था, लेकिन उसका तरीका ऐसा था कि अपराधी सुनते ही सच बोलने लगता था।

ईजिप्त (मिस्र) में सैकड़ों साल पहले से 'अयिदाह कबीला' सच उगलवाने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल करता आ रहा है। हालांकि बाकी जगह इस तरीको रोक दिया गया है। माना जाता है कि इस कबीले के लोग बिशाह परंपरा के तहत झूठ पकड़ते हैं। इसमें एक लोहे की रॉड को आग में तपाकर गर्म किया जाता है। इसके बाद आरोपियों की जीभ पर लगाया जाता है। इनकी मान्यताओं के अनुसार जो अपराधी होगा उसकी जीभ पर फफोले पड़ जाएंगे। इस मामले पर जर्मनी के एक चैनल DW ने विस्तृत रिपोर्ट भी की है, जिसका वीडियो इस खबर के अंत में देख सकते हैं।

 
इस तरीके के पीछे की वजह
अयिदाह कबीले के लोगों का मानना है कि झूठा या अपराधी बेचैन होने लगता है और उसकी जीभ सूखने लगती है। जिसकी वजह से गर्म रॉड जीभ पर लगते ही फफोले पड़ जाते हैं। वहीं निर्दोष की जीभ पर लार रहती है और गर्म रॉड का असर नहीं रहता। अब यह तरीका कितना सही है या कितना गलत, इसका कहना मुश्किल है। लेकिन हां इसके बारे में सुनकर, बड़े से बड़े अपराधी की रूह जरूर कांप जाएगी।


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Isha

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