Exclusive Interview: 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा': प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो

punjabkesari.in Wednesday, Feb 06, 2019 - 12:41 PM (IST)

नई दिल्ली। कुछ प्रेम कहानियां सरल नहीं होती, ऐसी ही एक कहानी पर आधारित है फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा'। ये फिल्म एक ऐसे सब्जेक्ट पर आधारित है, जिसके बारे में बात करना मुश्किल तो है, लेकिन समाज को इसकी बहुत जरुरत है। वहीं, फिल्म अपनी सभी जटिलताओं में भी प्यार की बात करती है और समाज को उससे बांधती है।

भले फिर ये एक नामुमकिन सपना हो या फिर दोबारा प्यार की तलाश या फिर बिना किसी जजमेंट के समझना। 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' जैसी लीग से हटकर फिल्म के जरिए डेब्यू करने वालीं डायरेक्टर शैली चोपड़ा और विधु विनोद चोपड़ा ने कमर्शियल सिनेमा की सूरत बदलने की कोशिश की है।

समलैंगिक रिश्ते पर बात करती ये फिल्म फैमिली और पिता-बेटी के रिश्ते के मर्म को भी बखूबी दिखाती है। फिल्म में सोनम कपूर के अलावा अनिल कपूर, जूही चावला, राजकुमार राव, रेजिना ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म रिलीज होने के बाद बॉक्स ऑफिस, फैंस और क्रिटिक्स की मिल रही खूब वाहवाही के बीच फिल्म की स्टार कास्ट ने पंजाब केसरी/ नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/ हिंद समाचार के साथ खास बातचीत की। 

फिल्म के जरिए मैसेज: विधु विनोद चोपड़ा
शैली ने जब पहली बार मुझे इसकी कहानी सुनाई तो मैंने आंख बंद करके बोला जितना भी पैसा लगे, तुम इस फिल्म को बनाओ। सिर्फ मैं ही नहीं, यहां बैठे सोनम, राज, अनिल, जूही और रेजिना सभी ने पहली बार में ही इस फिल्म के लिए हां कर दी थी। मैं फिल्म के जरिए कोई मैसेज देने से डरता नहीं हूं। अगर कोई विवाद होता भी है, तो मुझे कई दिन बाद पता चलता है, क्योंकि मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं। 

फिल्में ला सकती हैं सोसाइटी में बदलाव 
मैं चाहता हूं इस तरह की फिल्में और बनें। फिल्म एक ऐसा माध्यम है जिससे हम सोसाइटी में बदलाव ला सकते है। मुझे लगता है हर फिल्ममेकर की ये जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे फिल्म में कुछ न कुछ ऐसा मैसेज डालें जिससे सोसाइटी में बदलाव आए। 

भावनात्मक कहानी है: शैली चोपड़ा धर
हमारे देश की संस्कृती है कि हम कहानियों से सीखते हैं। बचपन में हमें अलग-अलग तरह की कहानियां सुनाई जाती है, जिन्हें सुनकर हमें मजा आता था और सीखने को मिलता था। मैंने इसी संस्कृती को ध्यान में रखकर ये फिल्म बनाई है, जिसे देखकर लोगों की सोच में कुछ बदलाव आए। ये एक प्यारी सी कहानी है। 

PunjabKesariबच्चों से हमेशा सीखने को मिला: अनिल कपूर
मुझे ऐसा लगता है कि बच्चों से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। फिल्म के दौरान मैंने राजकुमार और सोनम से कुछ न कुछ सीखा ही है। यंग बच्चों का काम करने का तरीका कुछ अलग होता है। इसी वजह से कंपनी मे यंगस्टर्स को रखा जाता है। उनके पास नई सोच और नए आइडियाज होते हैं। मैं तो हमेशा नए बच्चों के साथ काम करके उनसे सीखने के लिए तैयार रहता हूं। 

मैं स्टार बनने नहीं आई: सोनम कपूर
मैं कोई भी फिल्म ये सोचकर नहीं करती कि ये फिल्म मेरे करियर को कहां ले जाएगी और एक कलाकार होने के नाते आपका काम है एक्टिंग करना चाहे वो जैसा भी किरदार हो। वैसे इस फिल्म का किरदार मुझसे बिल्कुल अपोजिट है। वो बहुत शर्मीली और दबी हुई सी लड़की है। मैं इस इंडस्ट्री में स्टार बनने नहीं आई। स्टार बन भी गई हूं तो वो आपकी मेहरबानी है। एक कलाकार होने के नाते हर तरह के किरदार निभाना आपकी जिम्मेदारी है। 

अच्छी कहानी की तलाश में रहता हूं: राजकुमार राव
फिल्म को करना या न करना आपके हाथ में होता है। जो स्क्रिप्ट आपको अच्छी लगे वो करो। मैं ऐसा कभी नहीं सोचता कि मुझे सिर्फ सोलो लीड एक्टर वाली फिल्में करनी हैं। मुझे सिर्फ अच्छी कहानी की तलाश रहती है। यह बहुत प्यारी फिल्म है, ऐसी फिल्में कम ही आती हैं, जो एंटरटेन भी करे और बड़ा मैसेज भी दे।  

स्क्रिप्ट सुनते ही कर दी थी हां: जूही चावला
मैंने जिस दिन शैली जी के साथ बैठकर स्क्रिप्ट सुनी उसी वक्त हां कर दी थी। इसकी कहानी में हर वो चीज है, जो दर्शक चाहते हैं। जिसमें मजा भी है, हंसी मजाक भी है। यह दोस्तों की कहानी है, जिसमें लव, रोमांस, ड्रामा, इमोशन सब कुछ है। साथ ही इस फिल्म से बहुत बड़ा मैसेज दर्शकों तक पहुंचेगा। 

खुशकिस्मत हूं: रेजिना कैसेंद्रा
मेरी पहली तमिल फिल्म भी महिला डायरेक्टर के साथ थी और ये बॉलीवुड डेब्यू फिल्म भी महिला डायरेक्टर के साथ है। मैं फैमिनिस्ट नही हूं, लेकिन एक भावनात्मक रूप से जुड़ाव है। मैं बहुत खुश हूं कि मुझे अच्छा प्रोडक्शन हाउस मिला और अच्छे कोस्टार मिले। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Chandan

Recommended News

Related News