INTERVIEW : जब निर्देशक का विजन स्पष्ट होता है तो अभिनेता भी अपना बेहतरीन देते हैं : रुचिका कपूर शेख

punjabkesari.in Saturday, Apr 20, 2024 - 02:05 PM (IST)

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। नेटफ्लिक्स पर 12 अप्रैल को दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा की फिल्म 'चमकीला' रिलीज हो चुकी है, जिसे दर्शकों का काफी प्यार मिल रहा है। हर कोई दिलजीत और परिणीति के अभिनय की तारीफ कर रहा है। फिल्म को इम्तियाज अली ने निर्देशित किया है। यह मशहूर पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला की बायोपिक है, जिनके गीतों को 'अश्लील' कहा जाता था। फिल्म को मिल रही लगातार सफलता के बीच नेटफ्लिक्स ओरिजिनल फिल्म्स की निदेशक रुचिका कपूर शेख ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार संवाददाता ज्योत्सना रावत से की खास बातचीत।

Q. कैसा महसूस हो रहा है ‘चमकीला’ की सफलता पर, क्या पहले से सोचा था कि इतनी कामयाबी मिलेगी?
- दरअसल, इम्तियाज सर ने यह कहानी भेजी और फोन करके कहा कि जब भी समय मिले, इसे पढ़ना। छोटी-सी कहानी है। सच बताऊं तो जब मैंने पहली बार ये कहानी पढ़ी तो सुबह 4 बजे उनको मैसेज किया कि सर आप जैसे ही उठना तो कॉल करना। इस कहानी में मुझे जिस चीज ने सबसे ज्यादा आकर्षित किया था, वो था साहस। मुझे लगा इम्तियाज सर को जो कहानी पसंद आई है, उसमें कुछ तो बात होगी। दूसरी बात, इससे पहले किसी संगीतकार के जीवन पर कभी कोई फिल्म नहीं बनी थी। इसमें एक नहीं, कई बातें थी जिसे बनाने से मना नहीं किया जा सकता था। इसमें ऑस्कर अवॉर्ड विजेता रहमान जी के गाने हैं फिर और क्या चाहिए। मुझे पहले से ही लगा था कि कुछ लोगों को यह बहुत पसंद आएगी और कुछ लोगों को शायद नहीं इसलिए हमने यह गलती नहीं की कि सबको ध्यान में रखकर इस फिल्म को बनाएं। ऐसा करते तो ये फिल्म खराब हो जाती।

Q. अमर सिंह चमकीला एक लोकल रूटेड फिल्म है, जब आपने इसकी पटकथा सुनी तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
- मैंने जब ये कहानी पढ़ी तो पहले चमकीला जी के बारे में कुछ रिसर्च की और महसूस किया कि यहां-वहां हम जो गाने सुनते थे, वो इनके थे और नेटफ्लिक्स हमेशा सबके सामने प्रामाणिक कहानी लाना चाहता है। चमकीला जी की जिंदगी इतनी दिलचस्प थी कि आप उनके बारे में उनसे प्यार करने वालों, उनसे नफरत करने वालों और उनके प्रशंसकों, सबसे सुन सकते हैं। आप देखिए जो फिल्म की तारीफ कर रहे हैं, वह सब अलग-अलग तरह से कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सब एक ही तरह की तारीफ कर रहे हैं।

Q. ‘अमर सिंह चमकीला’ में ऐसा क्या अलग है, जो इसे ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म की बाकी फिल्मों से अलग करता है?
- दरअसल ऐसी एक नहीं, बहुत-सी चीजें हैं। एक तो इसके विजुअल्स बहुत सिनेमेटिक हैं और दूसरा हमने एनिमेशन भी यूज किया है। मैं बताना चाहूंगी जब एक फिल्म रिलीज हो जाती है तो वो हमारी नहीं, दर्शकों की हो जाती है। जिनको ठेठ पंजाबी समझ नहीं आती, उनका ध्यान रखते हुए हमने हिंदी में भी लिखा है ताकि वह भी जुड़ सकें।

Q. नेटफ्लिक्स पर हम हर तरह का कंटेंट देखते हैं। आपकी विश लिस्ट में और क्या है, जो आप दर्शकों को दिखाना चाहती हैं?  
- अभी तक हमने दर्शकों को काफी कुछ नया दिया है। मेरे हिसाब से मेरी सिर्फ एक ही विश लिस्ट है कि मैं लोगों को खुश और हैरान कर सकूं। लोग हमेशा पूछते हैं कि स्ट्रीमिंग पर क्या चल रहा है? मैंने कहा कि जो चल रहा है, हमें वही दिखाना है। फॉर्मूला और पास्ट सक्सेस को हम दिखा सके तो सब सक्सेसफुल हो जाता है। मेरी हमेशा से योजना होती है कि मैं दर्शकों को हैरान करूं। आपने शायद ही नेटफ्लिक्स के टाइटल देखकर सुना हो कि ये उसके जैसा लग रहा है... वैसा है। तो हम पुख्ता जानकारी लेकर आते हैं। ये कहानी शायद लोगों के लिए बनी हैं और उन्हें इसे देखकर बहुत मजा आना चाहिए। यह हमने शुरुआत से ही बहुत क्लियर किया था। जब आप फिल्म एक खास दर्शक वर्ग को लेकर बनाते हैं, तो आपका विजन बिल्कुल सटीक होता है।

Q. इम्तियाज अली और संजय लीला भंसाली जैसे बेहतरीन निर्देशकों के साथ तो आप काम कर चुकी हैं। और कौन-से निर्देशक आपकी सूची में शामिल हैं?
- ये नेटफ्लिक्स की खुशनसीबी है कि बहुत सारे रचनाकार इस प्लेटफॉर्म के साथ जुड़े हैं क्योंकि हम उनके विजन को रास्ता देते हैं। जैसी दुनिया और जिंदगी वो चाहते हैं, वो बना सकते हैं। आगे हम जोया अख्तर जैसे निर्देशकों के साथ काम करना चाहते हैं। हमारी कोशिश सिर्फ यही रहती है कि चाहे यह आपकी पहली फिल्म है या दसवीं फिल्म है, वो बेहतरीन और वास्तविक होनी चाहिए। हमने 'खो गए हम कहां' में अर्जुन वरैन सिंह के साथ काम किया, जो बहुत बड़ी हिट हुई। 'मर्डर मुबारक', 'भक्षक', 'जाने जान' और 'खुफिया' भी इसी क्रम में थीं। 'हसीन दिलरुबा' जो आने वाली है। तो हमारा विजन सिर्फ यही है कि हम दर्शकों को बेहतरीन कंटेंट दे सकें। हमारी कहानी इंडिया से आती है और वो इंडिया के लिए ही है।

Q. ‘अमर सिंह चमकीला’ की रचनात्मक प्रक्रिया में नेटफ्लिक्स का क्या रोल है?
- जब पटकथा हमारे पास आती है, तो पहले इसका ड्राफ्ट होता है। इसमें हमें जो बदलाव करने होते हैं, हम वो करते हैं। इसके बाद शूटिंग की प्रक्रिया पूरी होती है। यह बहुत रश फिल्म थी लेकिन सब कुछ बहुत सलीके और आसानी से पूरा हो गया। लेकिन ऐसा तब होता है जब निर्देशक अपने विजन को लेकर पूरी तरह से क्लियर होता है और तब अभिनेता भी अपना बेहतरीन देते हैं।

Q. ‘अमर सिंह चमकीला’ नेटफ्लिक्स के दर्शकों के विजन के अनुसार कैसे फिट बैठती है ?
- जब हम इम्तियाज सर के साथ जुड़े, हमने उनसे एक ही बात कही कि आप कहानी को लेकर ईमानदार रहना। सबसे खास बात यह है कि इम्तियाज सर को पता है कि उनके दर्शकों को क्या चाहिए। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे लोग देखकर हमेशा याद रखेंगे। 


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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