शनि जयंती: शुभ अवसर पर तस्वीरों में करें शिंगणापुर शनिधाम के दर्शन

punjabkesari.in Saturday, Jun 04, 2016 - 08:56 AM (IST)

विश्व में शनिदेव के बहुत सारे मंदिर हैं। जिनका अपना-अपना महत्व है लेकिन महाराष्ट्र के नासिक शहर के समीप शिंगणापुर गांव में शनिदेव का पुरातन मंदिर स्थित है। जो शनि भक्तों के लिए श्रद्धा और आस्था का केंद्र है। यहां शनिदेव शिला के रूप में विराजित हैं। यह शिला स्वयंभू है। इसका कोई आकार नहीं है। इसकी उंचाई 5 फुट 9 इंच व चौड़ाई 1 फुट 6 इंच है। यह शिला खुले आसमान के नीचे बिना किसी छत्र या गुबंद के एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजित है। 

 

इस गांव के राजा शनिदेव हैं। लगभग तीन हजार जनसंख्या वाले इस गांव के लोग घर में दरवाजा, कुंड़ी, ताला नहीं लगाते और अपने कीमती सामान को किसी अलमारी या तिजोरी में भी नहीं रखते। फिर भी यहां आज तक कभी चोरी नहीं हुई है।

 

लोगों का मानना है कि शनिदेव स्वयं इस गांव की सुरक्षा करते हैं। यहां चोरी करने वाला अंधा हो जाता है। लोगों का विश्वास है कि यदि किसी इंसान को कोई जहरीला सर्प काट ले तो उसे शनिदेव की प्रतिमा के पास ले जाने से विषैले से विषैले सर्प का जहर भी निष्फल हो जाता है।

 

इस मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने अौर पूजा करने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं। कुछ समय पूर्व स्त्रियां दूर से ही दर्शन किया करती थी लोकिन अब इस 400 सौ वर्ष पुरानी परंपरा को खत्म कर दिया गया है। अब महिलाएं भी मंदिर में पूजा कर सकती हैं परंतु वे तेलाभिषेक नहीं कर सकती। पुरुष वहां नहाने के पश्चात गीले कपड़ों में ही शनिदेव के दर्शन करते हैं। पाषाण शिला पर तिल का तेल अर्पित करके परिक्रमा की जाती है। दर्शनों के पश्चात यहां आए श्रद्धालु घोड़े की नाल और काले कपड़ों से बनी गुड़िया खरीदते हैं। कहा जाता है कि घर के मुख्य द्वार में घोड़े की नाल लगाने से बुरी नजर से रक्षा होती है अौर सुख-समृद्धि आती है।

 

कैसे पहुंचे-

यहां सबसे नजदीक हवाई अड्डा पूना में है। यहां से इसकी दूरी 160 किलोमीटर है।यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन श्रीरामपुर है। नासिक से यहां तक बस, टैक्सी द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। मुंबई, पूना अहमदाबाद से यहां तक सड़क मार्ग द्वारा भी आ 

सकते हैं।

 


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