यहां सावन के प्रत्येक सोमवार को लगती है, अनोखे बेलपत्रों की प्रदर्शनी

punjabkesari.in Sunday, Aug 07, 2016 - 10:27 AM (IST)

झारखंड के देवघर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथधाम का मंदिर स्थित है। माना जाता है कि सावन के माह में गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करने से संपूर्ण इच्छाएं पूर्ण होती है। कहा जाता है कि बैद्यनाथ धाम का भोलेनाथ के द्वादश ज्योतिर्लिगों में नौवां स्थान है।

 

भोलेनाथ के लिए बेलपत्र का विशेष महत्व है इसलिए बैद्यनाथधाम के पंड़ितों द्वारा दुर्लभ बेलपत्रों की प्रदर्शनी लगाई जाता है। मंदिर के पंड़ित दूर-दूर के वनों से अलग-अलग दुर्लभ प्रजाति के बेलपत्र लाकर मंदिर परिसर में अद्भुत प्रदर्शनी लगाते हैं। जिन्हें देखने हेतु हजारों श्रद्धालु इकठ्ठे होते हैं।

 

पुजारियों अौर बांग्ला पंचांग के अनुसार सावन संक्रांति के पश्चात प्रत्येक सोमवार को यहां बेलपत्र की प्रदर्शनी लगाई जाती है। जिसमें पुरोहित समाज के ही लोग भाग लेते हैं। इक्ट्ठा किए बेलपत्रों को चांदी के थाल पर चिपका कर मंदिर में चढ़ाने के उपरांत प्रदर्शनी में रखा जाता है। 

 

कहा जाता है कि स्थानीय त्रिकूट पर्वत में कई बेल वृक्ष हैं जो दुर्लभ हैं, उनके बेलपत्रों को इकट्ठा करके यहां लाया जाता है।प्रदर्शनी में केवल उन्ही बेलपत्रों को लाया जाता है जिनकी खोज पुजारी समाज के लोग स्वयं जंगलों से करते हैं। यहां प्रदर्शनी में लगने वाले इल बेलपत्रों का पहचान बुजुर्ग पुरोहितों द्वारा की जाती है। अंतिम सोमवार को जो व्यक्ति अनोखे और अद्भुत बेलपत्र लाता है, उसको पुरस्कार दिया जाता है। 

 

मंदिर में कांवड़ चढ़ाने का भी बहुत महत्व है। भक्त 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से जल भरकर यहां लाते हैं अौर शिवलिंग का जलाभिषक करते हैं। यहां प्रतिदिन बहुत सारे श्रद्धालु आते हैं परंतु सावन महीने में भोलेनाथ के दर्शनों हेतु लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News