सावन में करें भगवान महाकालेश्वर के कुछ अनदेखे व खूबसूरत रूपों के दर्शन

punjabkesari.in Wednesday, Aug 05, 2015 - 11:43 AM (IST)

सावन के महीने में हर सुबह गली-चौराहों पर हर हर महादेव के जयकारे सुनाई पड़ते हैं। कहते हैं इस पावन माह में यदि किसी भी ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए जाएं तो भगवान शिव बहुत खुश होते हैं और अपने भक्त पर अपनी अनुकम्पा बनाए रखते हैं। भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग विद्यमान हैं। सभी का अपना-अपना महत्व है।  

मध्य प्रदेश में उज्जैन शहर के महाकाल के बारे में तो यह भी कहा जाता है कि यह पृथ्वी का एक मात्र मान्य शिवलिंग हैं। द्वादश ज्योतिर्लिगों में गिने जाने वाले भगवान महाकालेश्वर को शास्त्रों में मृत्युलोक (भूलोक) का अधिपति कहा गया है। तांत्रिक परम्परा में प्रसिद्ध दक्षिण मुखी पूजा का महत्व बारह ज्योतिर्लिंगों में केवल महाकालेश्वर को ही प्राप्त है। 

कहा जाता है कि इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने से स्वप्न में भी किसी प्रकार का दुःख अथवा संकट नहीं आता। जो कोई भी मनुष्य सच्चे मन से महाकालेश्वर लिंग की उपासना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं। प्रत्येक वर्ष भगवान महाकाल सावन व भादौ माह में पालकी में सज-धज कर विराजकर घुमने लिकलते हैं। सावन माह, शिवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर भगवान महाकाल का अद्भुताकार और प्रकृतिबाह्य श्रृंगार किया जाता है। ये श्रृंगार इतना रमणीय होता है की भक्तों को अपने मोहपाश में बांध लेता है।


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