जीवन में बड़ी सफलता पाते हैं इन राशियों के लोग, दुनिया मानती है इनका लोहा
punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2024 - 06:52 AM (IST)
कुछ राशियां ऐसी होती हैं, जो सपनों को धरातल पर उतारने का जज़्बा रखती हैं। कभी हार नहीं मानती और अपने लक्ष्य को हासिल करके रहती हैं। जिन्हें मजबूत इच्छाशक्ति के लिए जाना जाता है। अपनी इसी विशेषता की वजह से इन राशियों के लोगों के हाथ कोई न कोई बड़ी सफलता जरूर लगती है और दुनिया भी इनका लोहा मानती है।
हमारी राशियां ही हमारी पर्सनेलिटी का आईना होती हैं क्योंकि हमारी जन्म राशि का हमारे व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है। जब हम जन्म लेते हैं तो उस समय चंद्रमा जिस राशि में गोचर कर रहे होते हैं, वही हमारी राशि होती है। हर राशि का एक स्वामी ग्रह होता है और इन ग्रहों को कुछ चीजों का कारक माना जाता है।
ज्योतिष में 12 राशियां होती हैं और इन राशियों में जन्म लेने वाले लोगों की विल पावर यानी इच्छा शक्ति बहुत स्ट्रॉन्ग होती है और वह अपने लक्ष्य के प्रति बहुत ही अलर्ट रहते हैं। बहुत ही डेडिकेटेड होते हैं और लक्ष्य हासिल करके ही चैन लेते हैं।
ऐसी पहली राशि मेष राशि है। मेष राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं और मंगल ग्रह को हमारे नवग्रह में सेनापति कहा जाता है। सेनापति हमेशा लीड करता है। नेतृत्व करता है। व्यक्ति को स्ट्रांग विल पावर देता है। हमेशा आगे बढ़ने का जज्बा देता है। मंगल ग्रह व्यक्ति को ऊर्जा एवं शक्ति प्रदान करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में होता है, वह व्यक्ति स्वभाव से निडर होता है। साहसी होता है। किसी भी परेशानी का सामना डटकर करता है और उसकी नेतृत्व क्षमता बहुत जबरदस्त होती है इसलिए दुनिया ऐसे व्यक्ति की क्षमता का लोहा मानती है।

मेष राशि वाले कई अधिकारियों को मैंने बड़े दबंग होकर ठोस फैसले लेते भी देखा है और उन फैसलों को बड़ी मजबूत इच्छा शक्ति से इंप्लीमेंट करते भी देखा है। उनका धैर्य भी देखा है। संयम भी देखा है और अचूक रणनीति भी देखी है। उन्हें अपने लक्ष्य हासिल करते देखा है।
दूसरी राशि सिंह राशि है और सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य है। सूर्यदेव को सत्ता, सरकारी नौकरी, प्रशासन, नेतृत्व क्षमता, मान-सम्मान, तेज, वैभव का देवता माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि सिंह राशि के लोगों में सूर्य ग्रह से जुड़े कुछ विशेष गुण भी जन्म जात देखे जाते हैं। सिंह राशि के जातकों में लक्ष्य को प्राप्त करने की कमाल की इच्छाशक्ति होती है। इनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं लेकिन सिंह राशि के जातक कभी भी हार नहीं मानते बल्कि दोगुने जोश और उत्साह से आगे बढ़ते चले जाते हैं। कई बार असफल होने पर भी यह लोग हार नहीं मानते। इनमें अपार ऊर्जा होती है, जिससे वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अंत तक डटे रहते हैं। कभी-कभी अपने गुस्सैल स्वभाव की वजह से इनके सामने कुछ परेशानी भी आ जाती है लेकिन फिर यह शांत होकर अपना भला-बुरा सोचकर आगे बढ़ते हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही दम लेते हैं।
तीसरी राशि कन्या राशि है। कन्या राशि के लोग आमतौर पर बहुत ही शर्मीले और संकोची स्वभाव के होते हैं लेकिन जरुरत पड़ने पर यह अपने बेबाक स्वभाव से किसी को भी चौंका सकते हैं। इसके अलावा जब भी बात अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की होती है, तो कन्या राशि के जातक पूरी मेहनत के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लग जाते हैं। कभी-कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह लोग थोड़े जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के भी हो जाते हैं लेकिन ये लोग तब तक हार नहीं मानते, जब तक कि इन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता।
दूसरी राशि सिंह राशि है और सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य है। सूर्यदेव को सत्ता, सरकारी नौकरी, प्रशासन, नेतृत्व क्षमता, मान-सम्मान, तेज, वैभव का देवता माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि सिंह राशि के लोगों में सूर्य ग्रह से जुड़े कुछ विशेष गुण भी जन्म जात देखे जाते हैं। सिंह राशि के जातकों में लक्ष्य को प्राप्त करने की कमाल की इच्छाशक्ति होती है। इनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं लेकिन सिंह राशि के जातक कभी भी हार नहीं मानते बल्कि दोगुने जोश और उत्साह से आगे बढ़ते चले जाते हैं। कई बार असफल होने पर भी यह लोग हार नहीं मानते। इनमें अपार ऊर्जा होती है, जिससे वे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अंत तक डटे रहते हैं। कभी-कभी अपने गुस्सैल स्वभाव की वजह से इनके सामने कुछ परेशानी भी आ जाती है लेकिन फिर यह शांत होकर अपना भला-बुरा सोचकर आगे बढ़ते हैं और अपना लक्ष्य प्राप्त करके ही दम लेते हैं।
तीसरी राशि कन्या राशि है। कन्या राशि के लोग आमतौर पर बहुत ही शर्मीले और संकोची स्वभाव के होते हैं लेकिन जरुरत पड़ने पर यह अपने बेबाक स्वभाव से किसी को भी चौंका सकते हैं। इसके अलावा जब भी बात अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की होती है, तो कन्या राशि के जातक पूरी मेहनत के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लग जाते हैं। कभी-कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह लोग थोड़े जिद्दी और गुस्सैल स्वभाव के भी हो जाते हैं लेकिन ये लोग तब तक हार नहीं मानते, जब तक कि इन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं हो जाता।

चौथी वृश्चिक राशि है और यह भी मंगल की राशि है। मेष राशि वालों की तरह वृश्चिक राशि के लोग भी ऊर्जा से सराबोर होते हैं। अपनी उम्र से ज्यादा मैच्योर होते हैं। इस कारण जीवन में आई किसी भी तरह की चुनौतियों का सामना वे आसानी से कर लेते हैं। अपनी उम्र से ज्यादा मैच्योर होने की यह आदत उन्हें लक्ष्य से जुड़े खतरों के प्रति प्रैक्टिकल होना सिखाती है। वे इमोशनल होकर कोई फैसला नहीं लेते बल्कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खास रणनीति बनाते हैं और उसी के अनुसार कदम रखते हैं। वृश्चिक राशि वाले लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने तक मौन ही रहते हैं और छोटी-मोटी सफलता पर शोर नहीं मचाते। यही वजह है कि वृश्चिक राशि वाले छुपे रुस्तम साबित होते हैं और सफलता के झंडे गाड़ते हैं।
पांचवी राशि कुंभ राशि है। कुंभ राशि के स्वामी शनि देव है, जिन्हें न्याय का कारक माना जाता है लेकिन शनिदेव हमें बहुत धैर्य भी देते हैं और स्ट्रांग विल पावर भी देते हैं। कुंभ राशि के जातक भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धैर्य बनाकर रखना पसंद करते हैं। इनकी इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। इस राशि के लोग अगर कुछ ठान लेते हैं, तो उसे पूरा करके ही मानते हैं। इन लोगों को अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए ही नहीं जाना जाता बल्कि इनकी नेतृत्व क्षमता भी गजब की होती है। यह बड़ी आसानी से लोगों की योग्यता पहचानकर उन्हें काम के अनुसार लीड कर सकते हैं। कुंभ राशि के जातक इमोशनली भी बहुत मजबूत होते हैं। अगर लक्ष्य प्राप्ति के दौरान इनके रास्ते में कोई परेशानी भी आ जाती है तो कुंभ राशि के जातक डटकर उनका सामना करते हैं।
गुरमीत बेदी
9418033344
