‘अप्रैल फूल्स डे’ से जुड़ी हैं ये कहानियां

punjabkesari.in Monday, Apr 01, 2019 - 09:13 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)

  
कुछ रीति-रिवाज, परम्पराएं तथा त्यौहारों की शुरूआत के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ पता नहीं है। फिर भी उन पर कोई सवाल उठाए बिना हम उन्हें पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। ऐसी ही एक परम्परा है ‘अप्रैल फूल्स डे’ यानी ‘मूर्ख दिवस’। दुनिया भर में हर साल 1 अप्रैल को मनाए जाने वाले ‘अप्रैल फूल्स डे’ के दिन लोग एक-दूसरे को मूर्ख बना कर या मजाक उड़ा कर भरपूर आनंद लेते हैं परंतु इस दिन की शुरूआत कब और कहां से हुई, इसके बारे में किसी के पास स्पष्ट उत्तर नहीं है। 

PunjabKesariअनेक ऐतिहासिविदों के अनुसार यूनानी तथा हिन्दू आदि प्राचीन संस्कृतियां अपने नववर्ष 1 अप्रैल के आस-पास ही मनाया करती थीं। मध्यकाल के दौरान अधिकतर यूरोपीय देश 25 मार्च को नव वर्ष की शुरूआत के रूप में बड़े भोज आयोजित करके मनाते थे। इनमें से ही एक था ‘द फीस्ट ऑफ फूल्स’।

फिर 1582 में पोप ग्रेगरी 13वें ने नया कैलेंडर तैयार करने का आदेश दिया जिसके अनुसार 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाने लगा। कहा जाता है कि कुछ लोगों को इसके बारे में पता नहीं चला या उन्होंने नववर्ष की नई तिथि को अस्वीकार करते हुए 1 अप्रैल को ही नववर्ष मनाना जारी रखा। 

अन्य लोग उनका उपहास उड़ाने लगे। इसके लिए वे उन्हें मजाक-मजाक में झूठ बोल कर मूर्ख बनाने की कोशिश करने लगे। यहीं से ‘अप्रैल फूल्ड डे’ की परम्परा शुरू हो गई। 

PunjabKesari

कुछ लोगों का कहना है कि हो सकता है कि ‘अप्रैल फूल्स डे’ को वसंत ऋतु की शुरूआत की वजह से मनाया जाने लगा हो। विभिन्न संस्कृतियों में साल के इस वक्त अपने-अपने अलग त्यौहार मनाए जाते हैं। ये सभी त्यौहार उत्साह तथा उमंग से भरपूर होते हैं। 

एक अन्य मान्यता के अनुसार महान रोमन सम्राट कांस्टैंटाइन और उसके दरबार में विदूषक कूगेल ने ही सबसे पहले ‘अप्रैल फूल्स डे’ जैसी एक परम्परा की शुरूआत की थी। सम्राट कांस्टैंटाइन से उसके दरबार के विदूषकों ने कहा था कि वे उनसे बेहतर ढंग से देश का शासन चला सकते हैं। 

उनकी इस बात पर सम्राट को पहले तो बहुत हंसी आई। फिर उन्होंने कूगेल को एक दिन के लिए सम्राट घोषित कर दिया। कूगेल ने उसी दिन मूर्खतापूर्ण तथा मजाकिया व्यवहार के लिए एक आदेश जारी किया। इसके बाद से ही इसे ‘अप्रैल फूल्स डे’ की तरह हर साल मनाया जाने लगे।

PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News