योगिनी एकादशी 2019ः व्रत की विधि और चमत्कारी फायदे

punjabkesari.in Wednesday, Jun 26, 2019 - 05:47 PM (IST)

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ये बात तो सब जानते ही हैं कि महीने में दो एकादशी के व्रत आते हैं और व्यक्ति को हमेशा दोनों पक्ष की एकादशी का पालन करना अनिवार्य होता है। इस बार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए रखा जाने वाले महाव्रत को योगिनी एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है और यह 29 जून दिन शनिवार को पड़ रहा है। कहते हैं कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर पाप से मुक्त होता है और खासतौर पर पीपल को काटने पर लगने वाले पाप से मुक्ति मिलती है। तो आइए आगे जानते हैं इसकी विधि और महिमा के बारे में। 
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सभी व्रतों में श्रेष्ठ भगवान विष्णु की कृपा दिलाने वाला योगिनी एकादशी व्रत की महिमा का वर्णन महाभारत काल में भी मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस व्रत का महत्व बताते हुए कहा कि एक बार हेममाली नामक यक्ष किसी गलती पर कुबेर ने श्राप दे दिया। इसके बाद वह श्राप से मुक्ति पाने का उपाय जानने के लिए मार्कण्डेय ऋषि की शरण में पहुंचा। ऋषि ने उसे इस पाप से मुक्ति के लिए योगिनी एकादशी व्रत करने की सलाह दी। यक्ष ने ऋषि की आज्ञा से इस पावन व्रत किया और सभी पापों से मुक्त होकर बैकुंठ लोक को गया। 
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व्रत-विधि
कहते हैं कि इस दिन विष्णु की पूजा के साथ अगर मां लक्ष्मी का पूजन भी किया जाए तो अपार धन-दौलत की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति भी इस दिन व्रत का पालन करता है उसे पूरा दिन  'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। यहां तक कि उठते-बैठते एंव स्नान करते समय भी इसी मंत्र का उच्चारण करते रहना चाहिए। इसके पश्चात् भगवान श्री विष्णु को वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य, ताम्बूल आदि समर्पित करके आरती उतारनी चाहिए। इस व्रत में केवल फलाहार करने का विधान है। रात को मंदिर में दीपदान करना चाहिए तथा प्रभु नाम का संकीर्तन करते हुए जागरण करना चाहिए।


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