Why do we do Ganesh Puja first: जानें,‘गणपति’ अग्रपूज्य क्यों है ?

punjabkesari.in Sunday, Jul 03, 2022 - 03:49 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shree Ganesh ki puja sabse pehle kyu hoti hai: अनेक बुद्धिजीवी प्राय: यह प्रश्र करते हैं कि अनेक सुंदर, शक्तिशाली व ओजस्वी देवताओं के होते हुए गणपति का ही अग्रपूज्य एवं देवताओं का अध्यक्ष क्यों बनाया गया? इसका पौराणिक दृष्टान्त तो यह है कि अपना अध्यक्ष चुनने के लिए देवातओं ने सभा बुलाई तथा उसमें यह प्रस्ताव रखा कि जो अपने वाहन पर तीनों लोकों (पृथ्वी, पाताल व आकाश) की सबसे पहले परिक्रमा कर आएगा, वही हमारा अध्यक्ष बनने की योग्यता होगा। सभी देवता अपने-अपने तेज गति के वाहनों में आकाश मार्ग में उड़ चले। गणेश जी का भारी शरीर और वाहन चूहा वहीं रह गए। गणेश जी ने धैर्य नहीं खोया अपितु अपने माता-पिता का तीन परिक्रमा करके सभापति के आसन पर बैठ गए। सबसे पहले मयूर पर आरुढ़ कार्तिक स्वामी आए। सभापति के आसन पर गणेश को देखकर उन्हें क्रोध आया तथा हाथ में पड़े मुद्गर से लड्डू खाते हुए गणेश के दांत पर प्रहार किया। उनका एक दांत टूट गया। तब से गणेश जी ‘एकदंत’ कहलाए।

PunjabKesari Why is Lord Ganesha worshipped first

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

गणेश जी ने तर्क दिया कि तीनों लोकों के सुख-ऐश्वर्य के निवास माता-पिता के चरण सेवा में हैं। मैंने उनकी चरण वंदना करके तीन परिक्रमा की। इसमें मुझे तीनों लोकों की परिक्रमा का पुण्य मिल गया। गणपति के बुद्धिमत्तापूर्ण तर्क से सभी निरुत्तरित हो गए। फलत: गणेश जी गणाध्यक्ष बन कर देवातओं के सभापति, अध्यक्ष व अग्रपूज्य हो गए। 

PunjabKesari Why is Lord Ganesha worshipped first

असली बात तो यह है कि गणपति की जो विशेषताएं हैं, वे यदि मनुष्य ग्रहण कर ले तो साधारण व्यक्ति भी अपने समाज में अग्रपूज्य, अग्रगण्य, समाज को कुशल नेतृत्व देने वाला नेता बन जाता है। इसलिए हमें गणपति से प्रेरणा लेनी चाहिए। यह प्रेरणा हमारे भौतिक, सांसारिक एवं अध्यात्मिक जीवन में बहुत ही उपयोगी एवं लाभप्रद है।

PunjabKesari Why is Lord Ganesha worshipped first

Significance Of Lord Ganesha's Body Parts And Vehicle मूषक सवारी : भगवान श्री गणेश का विशाल मस्तक हमें भव्य व लाभदायी विचार ग्रहण करने की प्रेरणा प्रदान करता है। उनके बड़े-बड़े कान सुविचार व सलाहों को सुनने की प्रेरणा देते हैं। लटकी नाक प्रतिष्ठा एवं खतरों को सूंघने की प्रेरणा देती है। उनका छोटा मुंह कम बोलने की प्रेरणा देता है। एक दांत वचनबद्धता व छोटी आंखें ध्यान मग्रता का संकेत देती हैं। मोटा पेट पाचन शक्ति, धैर्यता को बताता है परशु विघ्नों के विनाश हेतु एवं वरद मुद्रा मानव मात्र के शुभ व कल्याण हेतु है। ये गुण अन्य किसी देवता में नहीं हैं, इसलिए गणपति अग्रपूज्य हैं।

PunjabKesari kundli

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News