क्या आप जानते हैं ? गणेश जी ने अपनी ही मां पार्वती को दिया था ऐसा अद्भुत वरदान !

punjabkesari.in Friday, Dec 05, 2025 - 09:28 AM (IST)

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Lord Ganesha Story: भगवान गणेश को विघ्नों का नाश करने वाला और पूजाओं का प्रथम देव कहा जाता है। वे माता पार्वती के परम प्रिय पुत्र थे, जिनका जन्म मां ने अपने शरीर के उर्जामय तत्व और दिव्य शक्ति से किया था। मां और पुत्र के बीच का यह संबंध इतना पवित्र और अनोखा था कि गणेश जी ने अपनी मां की आज्ञा के लिए अपने जीवन तक का त्याग कर दिया और बाद में उन्हें हाथी का मुख देकर पुनर्जीवन मिला तथा सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय होने का आशीर्वाद भी। कहते हैं कि माता पार्वती ने श्री गणेश को बाल्यकाल से ही जीवन की हर शिक्षा दी, और श्री गणेश ने भी अपनी मां की हर आज्ञा व सीख का पूरी निष्ठा से पालन किया। लेकिन इसी प्रेम और भक्ति के बीच एक ऐसी घटना भी घटी जिसमें पुत्र गणेश ने ही अपनी मां को एक असाधारण वरदान प्रदान किया।

PunjabKesari  Ganesha ji Story

गणेश जी ने अपनी मां पार्वती को क्यों और कौन-सा वरदान दिया ?
पौराणिक परंपरा के अनुसार, एक समय माता पार्वती ने अपने पुत्र की कुशलता और दीर्घायु के लिए एक विशेष उपवास किया। यही उपवास आगे चलकर संकष्टी चतुर्थी  के रूप में जाना गया। जब गणेश जी ने अपनी माता की यह अनन्य भक्ति और प्रेम देखा, तो वे अत्यंत प्रसन्न हुए और अपनी मां को एक दिव्य और कल्याणकारी वरदान प्रदान किया।

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वरदान का अर्थ
भगवान गणेश ने माता पार्वती से कहा कि जो भी स्त्री संकष्टी चतुर्थी का व्रत सच्चे मन और श्रद्धा से करेगी, उसे वैसी ही आज्ञाकारी, सौभाग्यशाली, दीर्घायु और गुणवान संतान का सुख प्राप्त होगा जैसी माता पार्वती को गणेश स्वरूप में मिली। साथ ही देवी पार्वती की कृपा उस स्त्री और उसकी संतान पर सदैव बनी रहेगी। यह वरदान केवल संतान की प्राप्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि संतान को जीवन के हर संकट से बचाने वाला भी था क्योंकि गणेश स्वयं विघ्नों को दूर करने वाले देव हैं।

आज तक क्यों रखा जाता है यह व्रत ?
इस कथा के अनुसार, गणेश जी ने अपने मातृत्व का सुख संसार की सभी माताओं के लिए उपलब्ध करने का संकल्प लिया था। इसलिए आज भी माताएँ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखती हैं ताकि उनकी संतान निरोगी और दीर्घायु रहे, घर में सुख, सौभाग्य और शांति बनी रहे। जीवन के सभी विघ्न गणेश जी दूर कर दें, यह वरदान मां-पुत्र के प्रेम की अनोखी मिसाल माना जाता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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