Astrological Prediction- ज्योतिष से जानें, कब बनेगा आपका अपना घर

punjabkesari.in Saturday, Mar 20, 2021 - 08:24 AM (IST)

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Planetary Combination for Buying Own House- धन बचा कर अपना घर बनाने का सपना सभी देखते हैं। हालांकि ऐसे बहुत कम लोग हैं जो अपने जीवनकाल में अपनी इच्छाओं के अनुरूप घर खरीदने में सफल हो पाते हैं। कुछ लोग अपना घर खरीदने के लिए जीवन भर संघर्ष करते हैं परन्तु सफल नहीं हो पाते। इसके विपरीत कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अपना घर लेने के लिए कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती और उन्हें अपने माता-पिता या पूर्वजों की सम्पत्ति प्राप्त हो जाती है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो मेहनत की ही कमाई से एक से अधिक घर लेने में सफल होते हैं।

PunjabKesari When will I have my own house
Know How To Predict Property Yoga With The Help Of Astrology- यदि कोई व्यक्ति जीवन में सम्पत्ति खरीदने या बेचने का कार्य करते समय विशेष सावधानी का प्रयोग करने के साथ-साथ किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी कुंडली का अध्ययन भी कराता है तो वह ऐसी परेशानियों से बच सकता है। एक अपना घर हों ऐसा सपना हर व्यक्ति देखता है। अपने भविष्य को सुरक्षित रखने, सफल जीवन और पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में अपने घर की भूमिका सदैव से अहम रही है। सारे जीवन की कमाई देने के बाद मध्यम परिवार के किसी व्यक्ति का अपने घर का सपना पूरा होता है, ऐसे में यदि वह व्यक्ति नुक्सान के सौदे में फंस जाता है तो उसे दुख और पछतावा दोनों होते हैं। किसी भी व्यक्ति को जीवन में अपना घर मिल पाएगा या वह व्यक्ति अपना घर बना पाएगा या नहीं, इसके लिए निम्न ज्योतिषीय योगों का ध्यान रखा जाता है।

Which planet is responsible for own house- किसी व्यक्ति की संपत्ति का विश्लेषण करने के लिए कुंडली के चतुर्थ भाव का अध्ययन किया जाता है। चतुर्थ भाव अचल और चल संपत्तियों का मुख्य भाव है। इसी भाव से सम्पत्ति की खरीद और बिक्री दोनों को देखा जा सकता है। पाराशर होरा शास्त्र को वैदिक ज्योतिष की भागवत गीता माना जाता है। इस शास्त्र में ऐसे कई योग हैं जो घर खरीदने के विषय में बताते हैं। चौथा भाव संपत्ति, मन की शांति, मां, गृह जीवन, स्व-संप्रेषण, पैतृक गुण, सामान्य खुशी और कुछ अन्य विषयों का भाव है। इसके साथ ही यह मुख्य रूप से सम्पत्ति का भाव भी है।

यदि चतुर्थ भाव का स्वामी लग्न स्वामी के साथ हो और आय भाव हो तो व्यक्ति के पास कई घर हो सकते हैं।

यदि पराक्रम भाव में बुध स्थित हो और चतुर्थ भाव का स्वामी भी सुस्थिर हो तो व्यक्ति सुंदर घर का निर्माण कराता है।

यदि चतुर्थ भाव का स्वामी स्व-नवांश में हो या उच्च राशि का हो तो जातक को भूमि, वाहन, गृह आदि का स्वामित्व प्राप्त होता है।

जो ग्रह चतुर्थ भाव में स्थित हों उन ग्रहों के पास भी संपत्ति देने की शक्ति होती है।

यदि चतुर्थ भाव का स्वामी मित्र राशि में स्थित हो, नवांश या लग्न दोनों कुंडलियों में हो तो घर के योगों में यह शुभ योग है।

त्रिकोण भाव में नवमेश का होना और चतुर्थेश का अपने मित्र की राशि में होना एक अच्छा घर दे सकता है।

यदि चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल या शनि या शुक्र से युक्त हो तो भी जातक को अपना घर प्राप्त हो सकता है।

घर खरीदने के लिए मंगल, शुक्र, बृहस्पति की दशा अवधि अनुकूल होती है।

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When will I have my own house- गृह, भूमि, सम्पत्ति के लिए निम्न ग्रहों को देखा जाता है :
मंगल : अचल सम्पत्ति का कारक ग्रह मंगल है। इसका शुभ प्रभाव चतुर्थ भाव चतुर्थेश होना एक अच्छे घर का संकेत देता है।

शनि : शनि ग्रह है जो भूमि, पुराने घर यानि पुनर्खरीद वाला घर देता है। इसके अलावा शनि गोचर में जब चतुर्थ भाव को सक्रिय करता है तब घर के निर्माण कार्य पूर्ण होते हैं।

शुक्र : शुक्र का बली अवस्था में चतुर्थ/चतुर्थेश को प्रभावित करना एक भव्य घर होने का सूचक है।

1, 2, 4, 11 घर ऐसे भाव हैं जो जमीन या सम्पत्ति होने का संकेत देते हैं।

लग्न भाव वह भाव है जो व्यक्ति के स्वयं की योग्यता और शारीरिक क्षमता दर्शाता है। शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के बाद ही कोई व्यक्ति अपना घर या अपने जीवन की योजनाओं को पूरा कर सकता है।

दूसरा भाव : यह व्यक्ति के बैंक बैलेंस का भाव है। अगर किसी के पास धन नहीं होगा तो आप घर नहीं खरीद पाएंगे।

चौथा घर : चौथा भाव सम्पत्ति, खुशी और वाहनों का भाव होता है। इस प्रकार इस भाव की स्थिति को देश या विदेश, किस स्थान पर सम्पत्ति होगी यह जानने के लिए देखा जाता है।

ग्यारहवां घर : यह लाभ और इच्छाओं की पूर्ति का मुख्य भाव है। यह वह भाव है जो यह तय करता है कि आपको खुद के घर की खुशी होगी या नहीं। अपना घर कब प्राप्त होगा, इसके लिए महादशा का विचार किया जाता है। किसी व्यक्ति के पास मूलसंपत्ति होगी या नहीं, यह महादशा तय करती है।

चतुर्थेश, पिृत्रीयेश, एकादशेश और नवमेश की दशाएं व्यक्ति को घर देने में सक्षम होती हैं।

अपना घर किस आयु में मिलेगा इसके लिए निम्न रूप से ग्रहों का अध्ययन किया जाता है। जब कोई ग्रह बली, उच्चस्थ, मूलत्रिकोण और मजबूत स्थिति में होकर चतुर्थेश, चतुर्थ भाव, आयेश, नवमेश और द्वित्तीयेश को प्रभावित करें तो ऐसा ग्रह घर देने की योग्यता रखता है। जैसे-
कम आयु में घर प्रदान करने का कार्य चंद्र ग्रह करता है।

मध्यम आयु में घर प्रदान करने के लिए सूर्य और मंगल का अध्ययन किया जाता है।

सूर्य उत्तरायण में और चंद्र जीवन के प्रारंभिक वर्षों में घर देता है।

बुध 32 से 36 की आयु में घर दे सकता है।

बृहस्पति, शुक्र और राहु कम उम्र में संपत्ति दे सकते हैं।

शनि संपत्ति 44 की आयु के बाद और केतु 52 साल बाद भी दे सकता है।

How To Know Makan Yoga In Horoscope अन्य योग
घर के लिए भूमि क्रय करने के लिए कुंडली का चौथा भाव मजबूत होना चाहिए।

जमीन या संपत्ति प्राप्त करने के लिए मंगल और चौथा भाव महत्वपूर्ण कारक माना गया है इसलिए किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत और शुभ होनी चाहिए।

जब मंगल कुंडली में चौथे भाव के साथ संबंध बनाता है तो व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी जमीन या सम्पत्ति खरीदने की स्थिति में आता है।

यदि मंगल चतुर्थ भाव में अकेला स्थित हो तो व्यक्ति भूमि तो प्राप्त कर लेता है परन्तु संपत्ति सदैव ही किसी कानूनी पचड़े में फंसी रहती है।

मंगल भूमि क्रय-विक्रय निर्धारित करता है तो शनि ग्रह से भूमि पर निर्माण कार्य का अध्ययन किया जाता है।

जब शनि या मंगल दशा या अंतर्दशा के दौरान चौथे भाव के स्वामी के साथ संबंध बनाते हैं तो व्यक्ति भूमि प्राप्त करता है।

चतुर्थ भाव पर जब शुभ ग्रह अपना प्रभाव डालते हैं तो घर में खुशहाली आने की संभावनाएं बनती हैं।

एक व्यक्ति अपना घर या संपत्ति खरीदने में असमर्थ होता है जब चतुर्थ भाव के स्वामी पर अशुभ ग्रह अपना प्रभाव डालते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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