Stock Market Astrology: कुंडली में चंद्र खराब तो STOCK MARKET से रहें दूर
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 02:56 PM (IST)
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Stock Market Astrology: हमारा मार्केट रेगुलेटर है। उसका स्टडी बोलता है कि 90 से लेकर 95% लोग निवेशक हैं। वह शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में जो है वह घाटे में जाते हैं और बहुत चंद लोग हैं, जो मार्केट में पैसा कमाते हैं। आपके कुंडली में कौन से ग्रहों का जो कॉम्बिनेशन है आपको मार्केट में सफलता दिला सकता है यानी कि मार्केट में पैसे बहुत कमा सकते हैं। लेकिन वह पर्टिकुलर प्लेरी कॉम्बिनेशन आपके पास होना चाहिए। सबसे पहले जो कुंडली है, उसमें 12 भाव होते हैं। यह कुंडली में 12 भाव होते हैं। इसमें एक 11वां भाव आय का होता है। दूसरा भाव होता है और कुंडली का दूसरा भाव होता है। धन का यह बहुत इंपॉर्टेंट फैक्टर हैं। जुपिटर इन दोनों घरों का कारक होता है। कुंडली में भाग्य स्थान का भी कारक है। आय स्थान का भी कारक है। धन स्थान का भी कारक है। पंचम का भी कारक है। पंचम वैसे शुद्ध भाव होता है लेकिन इजी गेंस आपको लाइफ में यहीं से मिलते हैं। यदि यह चार भाव आपकी कुंडली में अच्छे हैं, तो निश्चित तौर पर आपको मार्केट में सफलता मिल सकती है। यह सिर्फ एक फैक्टर है। कुंडली में दूसरा ग्रह आपको सफलता दिलाता है। वह दो भावों का स्वामी आय स्थान का स्वामी और धन भाव का स्वामी आय भाव और धन भाव का स्वामी अलग-अलग लग्नों में अलग-अलग हो सकता है। जैसे मेष लग्न की पत्रिका है, तो मेष लग्न की पत्रिका में आय भाव का स्वामी शनि हो जाएगा और आपका धन भाव का स्वामी शुक्र हो जाएगा। कुंडली में यह दोनों ही ग्रह अच्छे होने चाहिए। यदि हम कुंभ लग्न की पत्रिका निकालेंगे तो दोनों में ही गुरु ही अह जो है वह आय और धन भाव का स्वामी हो जाएंगे। सिंह लग्न की पत्रिका हैं, तो उसमें बुध ही जो है वह आय और धन भाव दोनों के स्वामी हो जाएंगे। बुध का इन आय, भाव और धन भाव के स्वामी होने के कारण के नाते होना भी अच्छा है। बुध का मार्केट का ट्रेड का कारक होने के कारण भी वह कुंडली में होना अच्छा है। आय, भाव, धन भाव, पंचम भाव आपका बुध गुरु और लग्न का स्वामी यदि यह मजबूत स्थिति में हैं, तो निश्चित तौर पर आपको बाजार में अच्छे रिटर्न्स मिल सकते हैं। लेकिन यह सारे ग्रह अपनी जगह ठीक हैं। एक ग्रह जो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट रोल प्ले करता है और जिसके बारे में बहुत कम चर्चा होती है। व आपका चंद्रमा है। चंद्रमा आपके इमोशंस का कारक है। चंद्रमा के कारण ही आप मार्केट में ग्रीड या फियर फैक्टर का शिकार हो जाते है क्योंकि मार्केट में इमोशंस का ट्रेड ज्यादा होता है। यह दोनों के इमोशंस के ऊपर डिपेंड है। एक व्यक्ति खरीदने के लिए तैयार बैठा है एक व्यक्ति बेचने के लिए तैयार बैठा है तो दोनों के इमोशंस अलग-अलग हैं। मार्केट में इमोशंस का ट्रेड हो रहा है। यदि आपकी कुंडली में मून की पोजीशन ठीक नहीं है, तो आप इंट्राडे में ट्रेड अच्छे तरीके से नहीं कर पाएंगे।
इवन स्विंग ट्रेडिंग में भी आप थोड़े से घबरा जाएंगे। आपने एक लॉन्ग टर्म पोजीशन ले लिया आपको लगता है कि मैं मार्केट में पैसा लेके निकलूंगा और आपके पास सारे टेक्निकल फंडामेंटल सब कुछ ठीक है। आपको लग रहा है कि ठीक हो जाएगा कोई दिक्कत नहीं है और मेरा जो ट्रेड है। वह ऊपर ही जाने वाला है।आपने वह शेयर 100 ₹100 में खरीदा ₹120 पे गया आपके मन में या तो ग्रीड आ जाएगा या फियर आ जाएगा। आपने काटा शेयर भागा 150 के ऊपर तो वहां क्या हुआ फिर आपके हाथ में नहीं आएगा वह फिर आप उसको 130 पे दोबारा खरीदोगे यह तब होता है। जब आपका मून कॉम्प्रोमाइज हो जाता है। मून की पोजीशन आपकी कुंडली में बहुत मैटर करती है। अब 90 से 95% निवेशक क्यों बाहर जा रहे हैं क्यों पैसे नहीं कमा पा रहे
मून ज्यादा लोगों का खराब क्यों होता है। पहली बात मून यदि आपकी कुंडली में 6, 8, 12 में आ जाएगा तो खराब हो जाएगा। मून राहु, केतु एक्सिस में आ जाएगा और खराब हो जाएगा। मून सूर्य के साथ आ जाएगा। अल्टीमेटली अमावस का जन्म हो जाएगा और अस्त हो जाएगा। मून शनि के साथ आ जाएगा तो खराब हो जाएगा। मून मंगल के साथ आएगा तो भी खराब हो जाएगा और पाप प्रभाव भी आ ही जाएगा। कुछ कुंडलियों में मून मंगल के साथ आकर लक्ष्मी योग की फॉर्मेशन कर देगा लेकिन यदि वह वही मून मंगल के साथ 6, 8, 12 में होगा तो वो खराब हो जाएगा। यह नंगी आंख से पता लग जाएगा आपको लेकिन मून जो है कुंडलियों में किसी भी कुंडली में मून खराब होने की पोजीशन हमारा मंथ है। मून से ड्रिवन होता है। मून की राशि कितनी है। पूर्णिमा का मून फुल मून हो गया। फुल मून भी इमोशंस का कारक होता है। लग्न में चंद्रमा आ जाए तो हम ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं और पूर्णिमा के बाद जैसे शुक्ल पक्ष की सातवीं, आठवीं, तिथि के बाद मून मजबूत हो जाता है। वैसे ही पूर्णिमा के बाद जो छठी या सातवीं तिथि है। उसके बाद मून कमजोर होना शुरू हो जाता है क्योंकि मून घटना शुरू हो जाएगा।
जैसे ही मून घटना शुरू हो जाएगा वो कमजोर हो जाएगा। यदि हम मून की मजबूती देखें तो 30 में से लगभग 10 दिन ही मून मजबूत रहता है। 20 दिन मजबूत नहीं रहता। इसका मतलब जितने भी लोग पैदा हो रहे हैं एक महीने में लगभग 65% लोगों की कुंडली में मून इस तरीके से ही कमजोर हो जाएगा। अपनी मूवमेंट के हिसाब से और यदि इस बीच मून आपका कमजोर नहीं है। पूर्णिमा के इर्द-गर्द जन्म लिया है पूर्णिमा के पांच दिन पहले या पांच दिन बाद जन्म लिया है, तो मून आपका मजबूत है लेकिन यदि वो मून आपका पाप प्रभाव में आ जाएगा 6, 8, 12 में चला जाएगा। राहु, केतु एक्सिस में चला जाएगा तो वह मून भी खराब हो जाएगा। कुल मिलाकर 80- 90% लोगों का मून ऐसे ही ख़राब हो जाता है। यह लोग इमोशंस के साथ जो है वह बैलेंस नहीं कर पाते। इसी कारण ही मार्केट में ट्रेड में लॉस होता है। ग्रीड और फेयर फैक्टर का शिकार होते हैं, तो कुंडली में मून की पोजीशन सबसे इंपॉर्टेंट है। गुरु तो रोल प्ले करेंगे और धन भाव का स्वामी अपना रोल प्ले करेगा। आय भाव का स्वामी अपना रोल प्ले करेगा। 12वां भाव स्पेकुलेशन का भाव होता है। उसका स्वामी या वह भाव अपना रोल प्ले करेगा लेकिन मून सबसे इंपॉर्टेंट है यदि मून कुंडली में अच्छा नहीं है, तो इंट्राडे ट्रेड में आप फंस जाएंगे और आप लॉन्ग टर्म में नहीं कमा पाएंगे इंट्राडे आपके लिए नहीं है यदि आपका मून खराब है। इसके बाद आता है कि क्या आपको जो है वह ट्रेड में फायदा हो सकता है। किस दिन ट्रेड में फायदा हो सकता है वह भी आपका मून ही तय करता है।
आपकी राशि मेष है। मेष राशि के जातकों के लिए यह एक एग्जांपल के तौर पर तीसरे भाव का मून हो जाएगा। मिथुन राशि का मून हो जाएगा। जिस दिन मिथुन राशि में मून होगा उस दिन हो सकता है कि वह प्रॉफिट आपको अच्छा लाभ दे जाए। एक तो मून का गोचर तीसरे भाव का अच्छा होता है। मून यहां से नाइंथ हाउस को आस्पेक्ट करता है। वह भाग्य का स्थान होता है, तो यह 54 आवर तक मिथुन राशि में है। वह 54 आवर आपके लिए अच्छे हो सकते हैं। मेष राशि के जातकों के लिए मून छठे भाव में है, तो भी वह गोचर में शुभ होता है। सप्तम का मून गोचर में शुभ होता है। दशम का मून गोचर में शुभ होता है। चंद्रमा के ऊपर से आपकी अपनी राशि के ऊपर से मून शुभ होता है। 11वें भाव का मून जो है वह शुभ होता है. इसका मतलब मेष राशि के जातकों के लिए मेष का मून मिथुन का, मून कन्या का, मून तुला का, मून मकर का, मून और कुंभ का मून ये छह जगह पर गोचर में मून अच्छा हो जाएगा यह एक फैक्टर है यह ट्रांजिट का फैक्टर है आपकी कुंडली में क्या स्थिति है मून की वहां वहां से मून की पोजीशन कौन से नक्षत्र में है।
ताराचक्र हर कुंडली में होता है, सामुदायिक अष्टक वर्ग यह तीसरा चार्ट है, जो मून को ही एनालाइज़ करता है। सामुदायिक अष्टक वर्ग में मेष राशि से आपका मून का गोचर ठीक है लेकिन सामुदायिक अष्टक वर्ग में आपकी मेष राशि की पॉइंटिंग जीरो आ गई या एक आ गई तो वह मून आपके लिए कमजोर हो जाएगा। जब एक एस्ट्रोलॉजर इसको एनालाइज करने बैठता है, तो आपको बुरे तरीके से बता सकता है। यदि आप उस कैलकुलेशन के जरिए चलते हैं या उस कैलकुलेशन को फॉलो करते हैं, तो बहुत ज्यादा संभावना बढ़ जाती है। आप नुकसान से बच सकते हैं। यदि 20 दिन ट्रेड हो रहा है महीने में या 19 दिन ट्रेड हो रहा है. आपको 9 दिन बाहर ही बैठना पड़े आप ट्रेड न ही करें वह नुकसान से अच्छा है। इस एक महीने में 8 या 10 दिन ऐसे निकाल सकते हैं। जब आपके मून की पोजीशन आपके चार्ट के अकॉर्डिंगली बहुत फेवरेबल होती है और निश्चित तौर पर आप बाजार में लॉस में नहीं निकलेंगे। मेष राशि के तीसरे, छठे, 11वें, सातवें या राशि के ऊपर से या 10वें 11वें से है चंद्रमा तो आपको फायदा हो सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि उस दिन आपको ट्रेड में भी फायदा हो जाए उसके लिए आपके दूसरे फैक्टर भी काम करेंगे।
नरेश कुमार
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