क्या है शादी के दौरान किए जाने वाले गठबंधन का रहस्य ?

punjabkesari.in Sunday, Jun 09, 2019 - 06:05 PM (IST)

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क्या आप हिंदू है? क्या आप शादीशुदा हैं ? क्या आपने हिंदू धर्म के रीति-रिवाज़ों से शादी की है? आप सोच रहें होंगे कि हम भी क्या आप पूछ रहे हैं। ज़ाहिर सी बात है अगर आप हिंदू और शादीशुदा हैं तो इसी धर्म के रीति-रिवाज़ से ही की होगी। तो फिर आपको शादी में होने वाली गठबंधन रस्म का भी ज़रूर पता होगा। शादी के दौरान लड़का-लड़की के फेरों से पहले उनका गठबंधन किया जाता है। जिसमें लड़की का पल्लू लड़के के शेरवानी की पल्ला के साथ बांधा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है। या इसका क्या रहस्य है अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं। 
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विवाह संस्कार होते समय वर के पटका का कोना और वधू की चुनरी या साड़ी का एक कोना आपस में बांध दिया जाता है जिसे गठबंधन कहते हैं। गठबंधन मंत्रों के उच्चारण के साथ होता है। सिक्का, पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत अर्थात चावल इन पांच वस्तुआें को गठबंधन करते समय वधू के पल्ले और वर के दुपट्टे के बीच में बांध दिया जाता है।


विवाह में गठबंधन संस्कार ही वर-वधू के जीवन का बंधन होता है। गठबंधन करते ही दोनों के ग्रह, आचार-विचार, संस्कार, दोनों परिवारों का मिलन, जीवन के रिश्तों का भी गठबंधन हो जाता है। गठबंधन के साथ ही वर-वधू, पति-पत्नी का रूप धारण कर लेते हैं और एक-दूसरे के साथ पूर्ण रूप से बंध कर जीवन का लक्ष्य पूर्ण करते हुए एक-दूसरे के पूरक बन जाते हैं। 
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गठबंधन संस्कार के समय वर-वधू के पल्लुआें का गठबंधन करते हुए जो 5 वस्तुएं सिक्का, पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत बांधे जाते हैं, उसमें प्रथम सिक्का धन का प्रतीक होता है जो बताता है कि धनराशि पर दोनों का समान अधिकार रहेगा। पुष्प प्रसन्नता और शुभकामनाआें का प्रतीक है। पुष्प दर्शाता है कि पति-पत्नी एक साथ प्रसन्नतापूर्वक जीवन की डगर पर चलेंगे। हल्दी, आरोग्य देती है, विवाह से पूर्व कन्या और वर पर हल्दी की रस्म भी होती है। हल्दी जहां शरीर में आेज और तेज देती है वहीं स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। इसलिए गठबंधन में हल्दी रखी जाती है जो वर-वधू के जीवन में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुविकसित करती है।


दूर्वा पवित्र होती है-
दूर्वा कभी स्वत: नष्ट नहीं होती यदि सूखी दूर्वा को पानी डाल दिया जाए तो दूर्वा फिर से हरी हो जाती है इसलिए दूर्वा पवित्रता और दिव्यता की प्रतीक है। वर-वधू के जीवन में एक-दूसरे के प्रति प्रेम और आत्मीयता की डोर बनी रहे और उनका जीवन सदा हरा रहे इसलिए दूर्वा का प्रयोग गठबंधन में किया जाता है। अंतिम पांचवीं वस्तु अक्षत का गठबंधन में प्रयोग आयु और धन-धन्य का प्रतीक है। अक्षत का प्रयोग करने से वैवाहिक जीवन में कभी किसी वस्तु की आवश्यकता नहीं रहती एवं दोनों पति-पत्नी की आयु पूर्ण काल तक रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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—बी.डी. गोस्वामी


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Jyoti

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