Anjani Mahadev Temple: यहां खुद झरने से होता है शिवलिंग का अभिषेक, जानें अंजनी महादेव मंदिर की अनोखी कहानी
punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 09:36 AM (IST)

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Anjani Mahadev Temple: मनाली एक बेहद आकर्षक और रमणीय स्थल है, जहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक इसकी प्राकृतिक सुंदरता को निहारने आते हैं। इसी खूबसूरत वादियों के पास एक प्रसिद्ध मंदिर स्थित है, अंजनी महादेव मंदिर जो श्रद्धालुओं के बीच विशेष मान्यता रखता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां एक शिवलिंग पर झरने का पानी स्वतः ही गिरता रहता है, जिसे जलाभिषेक का अद्भुत दृश्य कहा जा सकता है। इस दुर्लभ नज़ारे को देखने और शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दूर-दराज से भक्त यहां पहुंचते हैं और यहां हमेशा भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है।
मंदिर से जुड़ी कथा
अंजनी महादेव मंदिर को लेकर कई रोचक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह स्थान माता अंजनी से जुड़ा हुआ है, जो भगवान हनुमान की माता थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, त्रेता युग में माता अंजनी ने संतान की प्राप्ति के लिए इसी जगह पर कठोर तप किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए थे। तभी से इस स्थान को दिव्यता प्राप्त हुई, और यहां पर स्वाभाविक रूप से बर्फ से निर्मित शिवलिंग उभरने लगा। यह भी मान्यता है कि जो भी श्रद्धा से इस शिवलिंग के दर्शन करता है, उसकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हिमाचल प्रदेश का अमरनाथ
इस पवित्र स्थान को हिमाचल का अमरनाथ भी कहा जाता है क्योंकि यहां बर्फ से बनने वाला शिवलिंग एक विशेष धार्मिक आकर्षण है। जनश्रुति के अनुसार, इस स्थल की पहचान वर्षों पहले संत बाबा प्रकाश पुरी जी महाराज ने की थी। मंदिर के पास ही उनकी एक छोटी कुटिया भी स्थित है, जहां उन्होंने साधना की थी। सर्दियों में जब तापमान गिरता है, तो यहां का झरना धीरे-धीरे जमने लगता है और शिवलिंग के चारों ओर भी बर्फ की मोटी परत जम जाती है, जो इस स्थान को और भी दिव्य और रहस्यमय बना देती है।
ठंड के मौसम में जब बर्फ गिरती है, तो यहां बनने वाला बर्फ का शिवलिंग धीरे-धीरे ऊंचा होता जाता है, जिसकी ऊंचाई करीब 40 फीट तक पहुंच सकती है। इस अद्भुत नजारे को देखने और पूजा करने के लिए भक्त सर्दियों में भी बड़ी संख्या में यहां आते हैं। एक विशेष आस्था यह भी है कि श्रद्धालु अंजनी महादेव के दर्शन के लिए नंगे पांव यात्रा करते हैं, और हैरानी की बात यह है कि बर्फ में चलने के बावजूद उन्हें किसी तरह की ठंड या परेशानी नहीं होती। इसे ईश्वर की कृपा का प्रतीक माना जाता है।
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