इस मंत्र जाप से करें तुलसी पूजन

punjabkesari.in Thursday, May 30, 2019 - 04:02 PM (IST)

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आज गुरुवार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादशी का पर्व है। पूरे साल में 24 एकादशियां और एक माह में 2 एकादशी आती है। कहते हैं कि शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्षों की एकादशी एक समान ही होती है। इसलिए हर व्यक्ति को दोनों एकादशी का पालन करना चाहिए। हर एकादशी पर भगवान विष्णु के अवतारों की पूजा की जाती है। कहते हैं कि एकादशी वाले दिन तुलसी जी की खास पूजा की जाती है। क्योंकि शास्त्रों में तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के सामने सुबह-शाम दीप जलाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। एकादशी की शाम तुलसी के सामने दीपक जलाकर मंत्र जाप करना चाहिए। ध्यान रखें सूर्यास्त के बाद तुलसी को जल नहीं चढ़ाना और स्पर्श भी नहीं करना चाहिए। 
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मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। 
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतनामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। 
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलभेत।।
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कैसे करें तुलसी मंत्र का जाप
सूर्यास्त के बाद पवित्र होकर तुलसी की पूजा और परिक्रमा करें। घी का दीप जलाएं। इसके बाद तुलसी के सामने बैठकर तुलसी की माला से इस मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप करते समय मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। मंत्र जाप के बाद भगवान से परेशानियां दूर करने की प्रार्थना करें और पूजा में हुई भूल-चूक की क्षमा प्रार्थना करें। 
 


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