त्रिपुर भैरवी जयंतीः देवी पार्वती के इस रूप की उपासना से मिलता है मनचाहा सौंदर्य

punjabkesari.in Saturday, Dec 22, 2018 - 03:00 PM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(video)
कालभैरव की शक्ति ही त्रिपुर भैरवी के नाम से जानी जाती हैं। ब्रह्मांड पुराण में इन्हें गुप्त योगिनियों की अधिष्ठात्री देवी का रूप बताया गया है। मत्स्य पुराण में इनके त्रिपुर भैरवी, कोलेश भैरवी, रुद्र भैरवी, चैतन्य भैरवी तथा नित्या भैरवी आदि रूपों का वर्णन प्राप्त होता है। शास्त्रों में कहा गया है इंद्रियों पर विजय पाने के लिए त्रिपुर भैरवी की उपासना करनी चाहिए। महाविद्याओं में इनका छठा स्थान है। दुर्गा सप्तशती के तीसरे अध्याय में जब महिषासुर वध का प्रसंग आता है तो उसमें इनका ध्यान करने की बात कही गई है। इन देवी का रंग लाल है। ये लाल वस्त्र पहनती हैं, गले में मुंड माला धारण करती हैं। ये अपने हाथों में जप माला, पुस्तक तथा वर और अभय मुद्रा धारण करती हैं। ये कमलासन पर विराजमान हैं। संकटों से मुक्ति के लिए भी इनकी उपासना करने का विधान है।
PunjabKesari
त्रिपुर भैरवी को योगीश्वरी रूप में उमा बतलाया गया है। इन्होंने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करने का दृढ़ निर्णय लिया था। बड़े-बड़े ऋषि-मुनि भी इनकी तपस्या को देखकर दंग रह गए। त्रिपुर भैरवी के अनेक भेद हैं, जैसे सिद्धि भैरवी, चैतन्य भैरवी, भुवनेश्वरी भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, षट्कूटा भैरवी, नित्या भैरवी, कोलेशी भैरवी, रुद्र भैरवी आदि। त्रिपुर भैरवी की रात्रि का नाम कालरात्रि तथा भैरव का नाम कालभैरव है।
PunjabKesari
शनिवार, 22 दिसंबर को त्रिपुर भैरवी जयंती पर्व मनाया जाएगा। यह देवी रूप, सौंदर्य और यौवन देती हैं। इस दिन देवी पर लाल चंदन चढ़ाकर उसे फेस पैक की तरह लगाने से कभी न खत्म होने वाली खूबसूरती प्राप्त होती है।
PunjabKesari
कुंडली में इस दोष के कारण बच्चे EXAMS में अच्छा नहीं कर पाते(video)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News