मानो या न मानो: सूर्य का स्वागत है सूर्य नमस्कार, मिलते हैं अजब-गजब लाभ

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2022 - 10:28 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Surya namaskar: प्राचीन भारत के स्वर्णिम युग का एक स्वर्णिम अध्याय है योगाभ्यास। तन-मन को स्वस्थ बनाने की इस अनुपम योग विद्या का प्रमुख अंग है सूर्य नमस्कार। सूर्य नमस्कार मनुष्य को बुद्धिमान, धैर्यवान, बलवान बनाने के साथ ही उसकी एकाग्रता, आत्मविश्वास एवं मेधा शक्ति को बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार यानी आरोग्य का वरदान। यह संजीवनी की तरह दिव्य औषधि है जो मनुष्य के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है। उत्साह और स्फूर्ति उत्पन्न करते हुए उसकी कार्यक्षमताओं में वृद्धि करती है। सूर्य नमस्कार कोई धार्मिक अनुष्ठान न होकर व्यायामों और आसनों की शृंखला है।

PunjabKesari Surya namaskar

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

What is the benefits of Surya Namaskar yoga: ईसाई धर्म में न्यू टेस्टामैंट में सूर्य के धार्मिक महत्व का विशद वर्णन है। सेंट पाल ने इसीलिए रविवार का दिन पवित्र घोषित कर इस दिन प्रभु की आराधना, दान दिए जाने आदि को अत्यंत पुण्यदायी माना है। ग्रीक और रोमन विद्वानों ने भी इसी दिन को पूजा का दिन स्वीकार किया। इस्लाम में सूर्य को ‘इल्म अहकाम अननजू’ का केंद्र माना गया है, अर्थात सूर्य इच्छा शक्ति बढ़ाने वाली चैतन्य सत्ता का प्रतीक है। अमरीका के रैड इंडियनों द्वारा आबाद क्षेत्रों में सूर्य मंदिर प्रचुर संख्या में पाए गए हैं। इसी तरह कई प्रकार की सूर्य गाथाएं हवाई द्वीप जापा, अमरीका तथा कैरेबियन द्वीपों में प्रचलित हैं, जो बताती हैं कि सूर्य सबका उपास्य रहा है।

चीन में सूर्य को ‘यांग’ तथा चंद्रमा को ‘पिन’ मानते हैं तथा इसकी प्रतिनिधि धाराएं इडा पिंगला के रूप में शरीर में सव्याप्त मानते हैं।
जापान सूर्य पूजक राष्ट्र है। प्रख्यात मनीषी ए.बी. कीथ एवं दार्शनिक गेलस के अनुसार ग्रीक दर्शन में सूर्योपासना अत्यंत प्राचीन है। ग्रीक दार्शनिक एम्पेडीलस कहते हैं कि सूर्य ही इस संसार का सृष्टा है। ग्रीस में आज भी शादी विवाह में सूर्य मंत्र पढ़ा जाता है। बिहार तथा अन्य प्रांतों में भी छठ पूजा को प्रतिष्ठा प्राप्त है, जो वास्तव में सूर्य पूजा है। मकर संक्रांति भी सूर्य आराधना का पर्व है।

सम्राट अकबर ने सूर्य की ऊर्जा के प्रताप का साक्षात अनुभव किया था। इतिहास वेत्ताओं के अनुसार अकबर स्वयं सूर्य उपासक थे। वह नित्य सूर्याभिमुख होकर सूर्य सहस्रनाम का पाठ करते थे और पूजन करते थे। यूनान के सम्राट सिकंदर भी सूर्य के उपासक थे।
सूर्य नमस्कार भारतीय योग परम्परा का अद्भुत उपहार है। यह विभिन्न आसनों और व्यायाम का समन्वय है जिससे शरीर के सभी अंगों-उपांगों का पूरा व्यायाम हो जाता है। सूर्य की किरणों से विटामिन डी की प्राप्ति होती है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं वे आयु, प्रज्ञा, बल, वीर्य, तेज को प्राप्त करते हैं।

आदित्यस्य नमस्कारन, ये कुर्वन्ति दिनेदिने, आयु: प्रज्ञा बमंवीर्यम, तेजस तेषाञ्ज च जायते।

Surya namaskar benefits: सूर्य नमस्कार मन और आत्मा को विकसित करते हुए शारीरिक क्षमता बढ़ाने का एक अद्भुत व्यायाम है। जिस तरह सूर्य से सारी कायनात रोशन होती है, चर-अचर में जीवन और ऊषम का संचार होता है उसी तरह सूर्य नमस्कार से व्यक्ति की क्षमताओं, आरोग्य, आकर्षण आदि का विकास होता है जो मानसिक सुख, समृद्धि के नए द्वार खोलता है। सूर्य नमस्कार एक ऐसी चाबी है जो सीधा सा गणित सुझाती है। स्वस्थ तन-स्वस्थ मन सुख-शांति और समृद्धि।

PunjabKesari Surya namaskar

सूर्य नमस्कार तन से, मन से एवं वाणी से सूर्य का स्वागत है। उसके दो आधुनिक पहलू हैं। पहला सांधिक सूर्य नमस्कार और दूसरा संगीत के साथ सूर्य नमस्कार।
ध्येय: सदा सवितृ मंडल-मध्यवर्ती
नारायण: सरसिजऽसन सन्निविष्ट:।
केयूरवान मकर कुंडलवान किरीट
हारी हिरण्यम वपुर्धूत शंख चक्र:॥


अर्थ : सौर मंडल में मध्यम में, कमल के आसन पर विराजमान (सूर्य) नारायण जो बाजूबंद, मकर की आकृति के कुंडल, मुकुट, शंक चक्र धारण किए हुए तथा स्वर्ण आभायुक्त शरीर वाले हैं का सदैव ध्यान करते हैं।

Surya namaskar mantra सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार 12 स्थितियों से मिल कर बना है। सूर्य नमस्कार के एक पूर्ण चक्र में इन्हीं 12 स्थितियों को क्रम में दो बार दोहराया जाता है। 12 स्थितियों में से प्रत्येक के साथ एक मंत्र जुड़ा है। मंत्र के दोहराने का मन पर बड़ा शक्तिशाली और तेज प्रभाव पड़ता है। सुनाई देने वाली अथवा न सुनाई देने वाली ध्वनि तरंगों के मन पर सूक्ष्म प्रभाव पड़ने के कारण ऐसा होता है।

यहां तक कि इस वातावरण का उपयोग आधुनिक विज्ञान भी कर रहा है। उदाहरण के लिए विश्व के विभिन्न भागों में स्थित कुछ प्रगतिशील अस्पतालों में अनेक मनोचिकित्सक ध्वनि के रूप में अपने रोगियों के लम्बे समय तक सुझाव या अन्य व्यक्ति द्वारा दिए सुझावों के अधीन रख कर उनका इलाज करते हैं।

इन पाश्चात्य सुझावों तथा योग और अनेक धर्मों में प्रयुक्त मंत्रों में केवल इतना अंतर है कि सुझावों का प्रयोग शारीरिक और मानसिक दशा को सुधारने में किया जाता है, जबकि मंत्रों का प्रयोग शुद्ध आध्यात्मिक कारणों से किया जाता है।      

PunjabKesari Surya namaskar

सूर्य के मंत्र
ॐ मित्राय नम:

हित करने वाला मित्र
ॐ रवये नम:

शब्द का उत्पत्ति स्रोत
ॐ सूर्याय नम:

उत्पादक, संचालक
ॐ भानवे नम:

ओज, तेज
ॐ खगाय नम:

आकाश में स्थित/विचरण करने वाला
ॐ पुष्णे नम:

पुष्टि देने वाला
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:

बलदायक
ॐ मरीचे नम:

व्याधिहारक/किरणों से युक्त
ॐ आदित्याय नम:
सूर्य ॐ सवित्रे नम:
सृष्टि उत्पादनकर्ता ॐ अर्काय नम:
पूजनीय ॐ भास्कराय नम:
र्कीतदायक

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News