क्यों कैलाश पर्वत के इस ताल में स्नान करना है वर्जित ?
punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2019 - 05:15 PM (IST)
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जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि इस साल की कैलाश मानसरोवर यात्रा 8 जून यानि आज से शुरू हो चुकी है। बता दें कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा बहुत कठिन है। इस यात्रा में जितना महत्व शिव के निवास स्थान अर्थात केलाश पर्वत का है उतना ही मानसरोवर झील का भी है। आप में से बहुत से लोग जानते होंगे जिन्हें ये सब बातें शायद पता होंगी। लेकिन क्या आपको पता है कि कैलाश पर्वत मानसरोवर के रास्त में ऐसे दो स्थल आते हैं जिनकी अपनी अलग मान्यता है। इससे पहले कि आप इस सोच में पड़ा जाएं कि आख़िर ऐसा कौन से स्थान हैं ? चलिए हम आपको बताते हैं इन स्थानों के बारे में-
कैलाश पर्वत के पास दो स्थल स्थित हैं जिनमें से एक है राक्षसताल और दूसरा है गौरीकुंड। इन दोनों को लेकर विभिन्न मान्यताएं प्रचलित हैं। राक्षसताल के बारे में कहा जाता है कि यहां स्नान करना से मना है। इससे जुड़ी पौराणिक किंवदंति के मुताबिक यहां लंकापति रावण ने यहां कुंड में डुबकी लगाई थी और उसके मन पर बुरा असर हुआ था। तो दूसरी और गौरीकुंड के बारे में कहा जाता है कि ये देवी पार्वती के स्नान की निजी जगह है। इसलिए हमेशा इससे दूरी बना कर रखी जाती है। लोक मान्यता और कुछ श्रद्धालुओं का मानना है कि वह आज भी वहां रोज़ आकर स्नान करती हैं।
कुछ वेबसाइट्स के अनुसार रावण शिव जी का भक्त होने के साथ-साथ, राजा, एक महान प्रशासक और बेहद प्रतिभाशाली व्यक्ति था। एक बार की बात है कि रावण शिव की आराधना करने कैलाश पर गया। मगर भोलेनाथ के पास जाने से पहले वो स्नान करना चाहता था, इसलिए उसने राक्षस ताल में डुबकी मार ली। स्नान करने के बाद जब वो आगे बढ़ा तो रास्ते में उसकी नज़र देवी पार्वती पर पड़ी। थोड़ी ही देर में वो शिव जी के पास पहुंच गया और उनकी स्तुति की। अब भोलेनाथ तो हैं ही भोले जो शीघ्र ही अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं वो उस रपर भी प्रसन्न हो गए। उन्होंने रावण से कहा किबताओ तुम्हें क्या चाहिए?
इस पर रावण ने कहा, "मुझे आपकी पत्नी चाहिए।"
कहा जाता है कि मान्यताओं के अनुसार उसकी बुद्धि इसलिए खराब हुई थी गई, क्योंकि उसने राक्षसताल में डुबकी मारी थी। उस ताल में नहाने से उसके दिमाग में ऐसे गलत विचार आए।
राक्षसकुंड में स्नान न करने का वैज्ञानिक कारण
राक्षसकुंड में स्नान न करने का वैज्ञानिक कारण ये बताया जाता है कि इसके पानी में कुछ खास तरह की प्राकृतकि गैसें मिली हुई हैं, जो पानी को थोड़ा जहरीला सा बनाती हैं। इसलिए इस पानी में नहाने ठीक नहीं है।