Sawan: सावन में शिव मंदिरों का दर्शन करने जा रहे भक्त, पढ़ें ये जरूरी जानकारी
punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 03:05 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Sawan 2025: शास्त्रों के गूढ़ संकेतों और तांत्रिक परंपरा की दृष्टि से सावन मास में कुछ विशिष्ट मंदिरों का दर्शन करना विशेष फलदायी माना जाता है। ये मंदिर केवल प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों तक सीमित नहीं हैं। श्रावण के आरंभ होने से पहले आपको विशेष जानकारी देते हैं, जो सामान्य ज्योतिष शास्त्र में स्पष्ट रूप से नहीं मिलती क्योंकि यह तंत्र परंपरा से जुड़ी है।
Special temples to visit during Sawan सावन में दर्शन हेतु विशिष्ट मंदिर
त्रिकोणात्मक शिवालय- सावन में ऐसे शिव मंदिरों का दर्शन करें जो त्रिकोण रूप में स्थित हों यानी तीन शिवालय एक त्रिभुज (triangle) के तीन कोनों पर हों और मध्य में कोई प्राकृतिक जलधारा या पीपल वृक्ष हो। यह योग त्रिपुटि तत्त्व कहलाता है, जिसमें शिव, शक्ति और जल तत्त्व का समन्वय होता है। यह दर्शन राहु-केतु दोष, कालसर्प योग, और कुंडली के अज्ञात भय को समाप्त करता है।
पिंगला शक्ति-संयुक्त शिवालय
शास्त्रीय रहस्य: ऐसे प्राचीन मंदिर जहां शिवलिंग के पीछे या दाएं ओर शक्ति या योगिनी मूर्ति विराजमान हो (पार्वती नहीं, बल्कि तांत्रिक देवी जैसे छिन्नमस्ता, त्रिपुरसुंदरी या धूमावती)। इन्हें पिंगला-तंत्र शिवालय कहते हैं।
लाभ: सावन में यहां दर्शन करने से ऋण मुक्ति, शत्रु नाश, और विवादों से छुटकारा मिलता है। विशेष रूप से व्यापारियों और न्यायिक मामलों से ग्रसित लोगों के लिए यह अद्भुत उपाय है।
दक्षिणमुखी शिवालय- यदि कोई शिव मंदिर दक्षिणमुखी है (यानी शिवलिंग का मुंह दक्षिण की ओर है), तो वह तांत्रिक दृष्टि से महाकाल-तत्त्व का प्रतिनिधित्व करता है। सावन के सोमवार को इस प्रकार के शिवालय में जलाभिषेक करने से मृत्यु भय, गंभीर रोग और परिवारी कलह का नाश होता है।
अर्धनारीश्वर मंदिर या शिव-शक्ति युगल मंदिर- सावन में अर्धनारीश्वर या शिव-शक्ति संयुक्त विग्रह के दर्शन विशेष फल देते हैं क्योंकि यह माह स्वयं शिव-शक्ति मिलन का प्रतीक है। विवाह में विलंब, प्रेम में बाधा, अथवा वैवाहिक जीवन में असंतुलन दूर होता है। साथ ही स्त्रियों के लिए यह दर्शन सौभाग्य की वृद्धि करता है।
गुहा या पर्वत-गर्भ शिव मंदिर- प्राचीन ग्रंथों में वर्णन है कि पर्वत या गुफा में स्थित शिवालयों में सावन में दर्शन करने से कुंडलिनी शक्ति जागृत होती है। यह मानसिक स्पष्टता, आत्मबल, और तपस्वियों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है। जिनका ध्यान-योग में मन नहीं लगता, उन्हें इन मंदिरों के दर्शन से आंतरिक शांति मिलती है।