मीन लग्न – Stock Market में करोड़पति बनाने वाले योग
punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 01:01 AM (IST)
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Stock Market Astrology: आज बात करेंगे मीन लग्न के जातकों की। स्टॉक 100 में लिया। 90 पे आया घबरा कर काट दिया यार। 90 पे आ गया। ₹10 कम हो गए। इसको निकल जाते हैं यहां से। आपने काटा स्टॉक गया 130 पे। ऐसा ही स्टॉक 100 पे लिया। 120 पे गया। ग्रीड आ गया यार। 20 आ गए। बस निकलते हैं यहां से। आपने 120 पे बेचा स्टॉक गया 200 पे। तो यह दोनों स्थितियों में होता है जब आपका चंद्रमा कमजोर हो जाता है। दोनों स्थितियां इसी कारण आती हैं। चंद्रमा जब कमजोर हो जाता है। इसके अलावा भी अदर फैक्टर्स होते हैं। मान लीजिए आपका लग्न मीन है और राशि भी मीन है। सूर्य चंद्रमा आपके लग्न में ही पड़े हुए हैं। सूर्य यदि कुंभ राशि में है या सूर्य यदि मेष राशि में है, तो आपका चंद्रमा वीक हो जाएगा क्योंकि चंद्रमा और सूर्य का डिस्टेंस जो है वह काफी कम हो जाएगा। यहां पर सूर्य दूसरे भाव में आ जाएगा। चंद्रमा के तो यह मैक्सिमम 50, 60 डिग्री का डिस्टेंस रहेगा। यदि मान लीजिए चंद्रमा आपका मीन राशि में ही है और सूर्य आपका चला गया मकर राशि में यानी कि 11वें भाव में या आपका चला गया वृषभ राशि में यानी कि तीसरे भाव में तो भी चंद्रमा सूर्य का डिस्टेंस 70-80° के आसपास का रह सकता है। एक्स इससे ज्यादा नहीं हो पाएगा। तो यहां पर भी आपका चंद्रमा वीक हो जाएगा। एक्सेप्शनल केस में हो सकता है कि सूर्य मीन राशि में एंट्री किया है। 29° इधर पेंडिंग है। 29° आगे पेंडिंग है। और मान लीजिए चंद्र अह चंद्रमा आपका मीन राशि में एंट्री किया है। 29° 30° और यदि आपका सूर्य भी आगे जाकर अह 30° का है तो ये मैक्स एक्सेप्शनल केस में हो सकता है। सारे केसेस में ऐसा नहीं होगा। तो आइडियल स्थिति क्या होगी?
मान लीजिए चंद्रमा आपका मीन में नहीं है। चंद्रमा आपका पड़ा है धनु में। सूर्य आपका मीन में है। तो यहां से डिस्टेंस हो जाएगा लगभग 100° के आसपास का। यह एक आइडियल पोजीशन हो जाएगी। सूर्य यदि आपका मिथुन में भी है यानी कि फोर्थ हाउस में है तो भी सूर्य चंद्रमा आमने-सामने हो जाएंगे। यहां पर गुंजाइश है कि सूर्य चंद्रमा का डिस्टेंस 180 डिग्री भी हो सकता है। 160 170 डिग्री भी हो सकता है। तो यहां पर अह चंद्रमा की पोजीशन अच्छी हो जाएगी। मान लीजिए मीन लग्न की पत्रिका है। चंद्रमा धनु राशि में है और कन्या राशि में आपका सूर्य पड़ा है। तो यहां पर भी सूर्य का डिस्टेंस जो है वो लगभग 100 डिग्री के आसपास हो सकता है। 90 100 डिग्री के आसपास का हो सकता है। तो ये एक आइडियल कॉम्बिनेशन है। जहां पर भी आपका चंद्रमा पड़ा है वहां पर वहां से सूर्य यदि चार भाव आ गए या चार भाव पीछे है तो निश्चित तौर पर आपका चंद्रमा थोड़ा सा अच्छी स्थिति में आ जाएगा। यदि हम बड़े निवेशकों की बात करते हैं तो वारेन बफेरी जी की कुंडली में सूर्य चंद्रमा एक दूसरे से फोर्थ पे है यानी कि 99 डिग्री के डिस्टेंस पे है। अह जो हमारे दिवंगत राकेश झुंझुनवाला जी थे उनकी कुंडली में सूर्य चंद्रमा का डिस्टेंस पांच घर आगे का है। यानी कि 130° के डिस्टेंस पे है। तो यहां पर चंद्रमा की स्थिति मजबूत होना सबसे पहले बहुत जरूरी है। यह प्राइमरी फैक्टर है। यह पहला फैक्टर है। दूसरा फैक्टर है आपका 12वां भाव। 12वां भाव स्पेकुलेशन का भाव होता है। यदि यहां पर पाप पर भाव ज्यादा आ जाए, तो आप स्पेकुलेट तरीके से नहीं कर पाते। यानी कि आप जिस तरीके से चीजें सोचते हैं उस तरीके से चीजें नहीं हो पाती।
अब मान लीजिए शनि आपके 12व में आ गए। हालांकि अपनी राशि के आ जाएंगे। मूल त्रिकोण राशि के आ जाएंगे मीन लग्न में। राहु आपके फोर्थ हाउस में है। मंगल आपके या तो फिफ्थ में पड़े हैं या नाइंथ में पड़े हैं या छठे में पड़े हैं। तीनों स्थितियों में मंगल 12व को दृष्टि दे देंगे। पांचव में पड़ेंगे तो आठवीं दृष्टि देंगे। छठे में पड़े हैं तो सातवीं दृष्टि देंगे। नाइंथ में पड़े हैं तो फोर्थ दृष्टि देंगे। तो आपका 12वा भाव तीन पाप ग्रहों से पीड़ित हो जाएगा। ऐसी स्थिति में स्पेकुलेशन नहीं करनी चाहिए। दूसरी दूसरा फैक्टर होता है कुंडली में पांचवा भाव जो ईजी गेंस का भाव होता है। अब यही स्थिति आप मान लीजिए पंचम पंचम के लिए आ गई। मान लीजिए राहु पड़ा है पंचम में मंगल आपका दशम में पड़ा है। मंगल की अष्टम दृष्टि आ जाएगी आपके राहु के ऊपर और यदि मान लीजिए शनि तीसरे भाव में पड़ा है तो शनि भी तीसरी दृष्टि से आपके पंचम को देखेगा। तो ऐसी स्थिति में आपका पंचम तीन भावों से तीन पाप ग्रहों से पीड़ित हो जाएगा। तो यदि यह स्थिति है या 12वें वाली स्थिति है तो आपके लिए चीजें अच्छी नहीं है क्योंकि पंचम इजी गेंस का भाव होता है।
पंचम बुद्धि विवेक का भाव होता है। यानी कि उस तरीके से आपकी इंटेलिजेंस काम नहीं कर पाएगी जहां पर सौदा आपने काटना है वहां पर रख के बैठ जाएंगे। जहां पर रखना है वहां पर काट के बैठ जाएंगे। तो यहां पर आपको घाटा पड़ जाएगा। यह एक फैक्टर जरूर ध्यान में रखिए कि कहीं आपका पांचवा या 12वां पीढ़ी तो नहीं है। तो यह स्थिति आपके लिए ध्यान रखने वाली जरूर है। दूसरा होता है कि निश्चित तौर पर आय पैसा आएगा। आय स्थान से आएगा या धन धन स्थान से आएगा। दोनों स्थान से आएगा। आय स्थान का जो पैसा होता है वो फ्लोइंग मनी है। यानी कि जो रूटीन की इनकम होती है धन जो आप संचित कर लेते हो वो धन भाव से आता है। अब मीन लग्न की पत्रिका बनाएंगे तो शनि का भाव यानी कि मकर राशि जहां पर आती है 11वां भाव वह धन का आय का भाव हो जाएगा और मंगल का भाव हो जाएगा आपका धन का भाव। मान लीजिए मंगल भार में दूसरे भाव में ही पड़े हैं। एक तो अपनी मूत्र त्रिकोण राशि में आ जाएंगे। एक धन स्थान में आ जाएंगे। मजबूती दे देंगे उस भाव को।
शनि भी मान लीजिए वहीं पर पड़े हुए हैं और गुरु केंद्र में पड़े हैं। मान लीजिए गुरु आपके सप्तम में पड़े हैं। तो ऐसी स्थिति में गुरु आपके आय आय स्थान को दृष्टि दे देंगे। मान लीजिए सप्तम में नहीं पड़े। आपके दशम में पड़े हैं गुरु तो वहां से भी आपके धन भाव को दृष्टि दे देंगे। गुरु आय और धन दोनों भावों के कारक होते हैं। यदि यह स्थिति आपकी अच्छी है तो आप जो है वह मार्केट से पैसा कमा लेंगे। प्रोवाइडेड आपका चंद्रमा पंचम और 12वा ठीक हो उस पर ज्यादा पा प्रभाव नहीं होना चाहिए। दो या दो से ज्यादा पाप ग्रहों का प्रभाव है तो निश्चित तौर पर स्पेककुलेशन मत करिए। इंट्राडे मत करिए। निफ्टी फ्यूचर में काम मत करिए। एमसीएक्स में काम मत करिए। लॉस हो जाएगा आपको। बहुत ज्यादा संभावना है कि लॉस ज्यादा हो। तो एक फैक्ट एक ग्रह होता है मरकरी जो बाजार में ट्रेडिंग का कारक है। यदि मरकरी आपकी पोजीशन में कुंडली में अच्छे हैं तो मरकरी आपको अच्छी कैलकुलेशन दे देते हैं। बाजार में काम करने के लिए अच्छा थॉट प्रोसेस दे देते हैं। तो यहां पर मरकरी यदि गुरु के साथ है या मरकरी और शुक्र का आपस में रिलेशन बन रहा है। क्योंकि सूर्य इमेंस मनी जो पैसा आता है ना भरपूर पैसा आता है वह शुक्र से आता है और मेन लग्न एक ऐसा लगन है जहां पर शुक्र उच्च के हो जाते हैं।
मान लीजिए लग्न में ही शुक्र पड़े हुए हैं और गुरु सामने पड़े हुए हैं और यह स्थिति आपके लिए अच्छी हो जाएगी। पैसे के लिहाज से भी अच्छी हो जाएगी क्योंकि ये दोनों पॉजिटिव ग्रह है। हालांकि शुक्र अष्टमेश शुक्र लग्न में बैठेंगे। शुक्र की मूल त्रिकोण राशि आपके अष्टम में आएगी। लेकिन इसके बावजूद क्योंकि शुक्र तीसरे भाव का भी स्वामी है। पराक्रम आपको दे जाएंगे। तो यह एक अच्छी स्थिति हो जाएगी। शुक्र का लग्न में बैठना यहां पर आकर दिगबली हो जाते हैं। तो यह स्थिति आपके लिए अच्छी है।
मान लीजिए शुक्र यहां पर नहीं है। 11वें भाव में बैठे हैं। गुरु सप्तम में बैठे हैं तो भी वह दृष्टि दे जाएंगे और यह स्थिति भी आपके लिए अच्छी हो जाएगी। गुरु शुक्र का आपस में संबंध बन जाएगा। तो यह कॉम्बिनेशन है कुछ मीन राशि के जातकों के लिए। यदि वह मार्केट में काम करते हैं, इंट्राडे में काम करते हैं, स्पेकुलेशन में काम करते हैं या फिर क्रिप्टो में, एमसीएक्स में काम करते हैं, तो यह यदि कॉम्बिनेशन बनते हैं, तो आपको काम करना चाहिए। यदि यह कॉम्बिनेशन नहीं बनते तो आपको मार्केट में काम नहीं करना चाहिए। निवेश के लिहाज से मरकरी ठीक है, अह गुरु ठीक है और आपका आय भाव, धन भाव का स्वामी ठीक है। मंगल, शनि ठीक है, गुरु, बुध ठीक है। तो आपको बाजार में निवेश कर देना चाहिए।
