Sri Sri Ravi Shankar: इसलिए विशेष है ‘ब्रह्म मुहूर्त’

punjabkesari.in Tuesday, May 31, 2022 - 10:29 AM (IST)

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Sri Sri Ravi Shankar: ब्रह्म का अर्थ है ‘ज्ञान’ और मुहूर्त का अर्थ है ‘समय-अवधि’। ब्रह्म मुहूर्त ज्ञान को समझने के लिए सबसे सही समय है। मेरे दादा जी का हमेशा प्रात:काल के समय के साथ एक खास संबंध रहा। विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त के साथ जो सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले होता है। उनका मानना था कि उनके संस्कार ने स्वास्थ्य की दृष्टि से उन्हें अच्छा रखा। ‘अष्टांग हृदय’ नामक आयुर्वेद ग्रंथ में भी लिखा है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागने से व्यक्ति की उम्र बढ़ जाती है और बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। चिकित्सा विज्ञान भी इस तर्क से सहमत है।

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ब्रह्म मुहूर्त : दिन की शुरूआत के इस समय के साथ मेरे दादा जी का प्यार कुछ ज्यादा ही गहरा था। उनके अपने शब्दों में, यह उनका ‘अपना समय’ है। 

उन्होंने मुझे समझाया कि सुबह से रात तक हम दुनिया की मांगों का आदर करते हैं। दिन व्यावसायिक, सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में व्यतीत होता है। रात में स्वयं के लिए थोड़ा समय बचता है लेकिन उस अवधि में आपकी ऊर्जा बहुत कम हो जाती है। 

एक ही समय है जब आप तरोताजा, जागरूक और आसानी से अपने भीतर देख सकते हैं, वह है- ब्रह्म मुहूर्त, यह आपके लिए एक ‘विशेष’ समय है।

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ब्रह्म मुहूर्त में जागने के लाभ
‘इंटरनैशनल जर्नल ऑफ योग एंड एलाइड साइंसेज’ के अनुसार भोर से पहले की अवधि के दौरान वातावरण में नवजात ऑक्सीजन की उपलब्धता होती है। 

यह आसानी से हीमोग्लोबिन के साथ मिल कर ‘ऑक्सी हीमोग्लोबिन’ बनाती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, रक्त पी.एच. का संतुलन बना रहता है, दर्द, खराश और ऐंठन से राहत मिलती है, खनिज व विटामिन के अवशोषण बढ़ते हैं।
हमारे पूर्वजों को लगा कि ब्रह्म मुहूर्त में की गई कुछ गतिविधियां स्वयं को संतुलित करने में मदद करती हैं। ये गतिविधियां व्यक्तिगत और सांसारिक दोनों ही क्षेत्रों में इस समय को अपने लिए विशेष और फलदायी बनाने में मदद करती हैं। 

 —श्री श्री रविशंकर

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Content Writer

Niyati Bhandari

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