Sankashti Chaturthi 2025: अप्रैल में इस दिन आएगी संकष्टी चतुर्थी ? ये है शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय समय
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 06:46 AM (IST)

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April Sankashti Chaturthi 2025: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत और पूजा करने का विधान है। वैशाख मास में आने वाली संकष्टी चतुर्थी को विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। 16 अप्रैल बुधवार को आने वाली संकष्टी चतुर्थी के दिन 2 शुभ योग बनेंगे। भद्रा काल भी रहेगा लेकिन वो धरती पर नहीं स्वर्ग लोक में स्थित होगा। धरती वासियों पर इसका कोई भी अशुभ प्रभाव नहीं होगा। विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत की रात चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन होता है। इस व्रत के प्रभाव से घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। व्यक्ति के सभी मनोरथ और इच्छाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय।
Vikat Sankashti Chaturthi April 2025 Date विकट संकष्टी चतुर्थी अप्रैल 2025 तिथि
वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 अप्रैल, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल, गुरुवार की दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 अप्रैल को रखा जाएगा।
Auspicious time of Vikat Sankashti Chaturthi Puja विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा का शुभ मुहूर्त
6 अप्रैल बुधवार के ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह 4 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 10 मिनट के बीच स्वच्छ होकर स्नान आदि कर लें और
मन ही मन गणेश जी की पूजा का संकल्प लेकर उनसे प्रार्थना करें की व्रत पूरा करने की सामर्थ्य प्रदान करें। सूर्योदय के बाद शास्त्रीय विधि अनुसार पूजा करें। इस दिन कोई भी अभिजीत मुहूर्त नहीं है। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगा और अमृत काल का शुभ समय शाम 6 बजकर 20 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक रहने वाला है।
Combination of auspicious yogas on Vikat Sankashti Chaturthi विकट संकष्टी चतुर्थी पर शुभ योगों का संयोग
विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन दो बहुत ही शुभ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बनने वाले हैं। इन योगों के दौरान किया गया कोई भी काम बहुत पुण्यदायी रहने वाला है। इससे हर काम में सक्सेस की शत प्रतिशत पूरा होने की गारंटी होती है। लाइफ में आने वाली बाधाओं और मुश्किलों से राहत मिलती है। धन-समृद्धि के साथ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
Moon rise timing on Vikat Sankashti Chaturthi विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय
विकट संकष्टी चतुर्थी की रात जब तक चंद्रमा को अर्घ्य न दिया जाए तब तक व्रत पूरा नहीं होता। इस रोज चंद्रमा रात्रि 10:00 बजे दर्शन देंगे। चंद्र देव को दूध, जल और सफेद पुष्पों से अर्घ्य दें। इससे वो अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। व्यक्ति को मानसिक शांति, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मन में आने वाले नकारात्मक विचार दूर होते हैं। जीवन में शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।