Sri Ramanarayanam Mandir: श्री राम के धनुष-बाण जैसा रामनारायण मंदिर, जानिए क्या खास है इसमें
punjabkesari.in Saturday, Jan 27, 2024 - 08:07 AM (IST)

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Sri Ramanarayanam Mandir: आंध्र प्रदेश के विजयनगर में रामनारायण मंदिर का स्थापत्य राम-धनुष की आकृति लिए है। भूतल पर महाविष्णु तो ऊपरी तल पर भगवान श्रीराम का मंदिर है। बाण के अगले भाग पर हनुमान जी की 60 फुट ऊंची मूर्ति है, जिसे एक किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकता है। भारतीय स्थापत्य का अद्भुत नमूना है यह मंदिर। यह मंदिर विजयनगर में कोरुकोंडा रोड पर स्थित है, जो विशाखापत्तनम से 45 किलोमीटर दूर है।
History इतिहास
रामायण पर आधारित इस मंदिर का निर्माण एन.सी.एस. चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 15 एकड़ क्षेत्र में किया गया है और मंदिर को धनुष और बाण के आकार की तरह अनूठा डिजाइन किया गया है। यह मंदिर आज एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुका है और अपनी स्थापना के 18 महीनों के भीतर यह विजयनगर में सबसे अधिक देखी जाने वाली जगहों में से एक बन गया था।
आध्यात्मिक अनुभव चाहने वालों के लिए यह स्थान एक अद्भुत लेकिन सौंदर्यपूर्ण आध्यात्मिक थीम पार्क के समान है। प्रांगण का अनूठा डिजाइन और ऊंचाई पर्यटकों/ तीर्थयात्रियों को समृद्ध, आनंददायक और स्फूर्तिदायक अनुभव से मंत्रमुग्ध कर देती है। अवधारणा से लेकर डिजाइन, कार्यान्वयन और वास्तविक निर्माण तक में एक दशक से अधिक का समय लगा। इसमें देश भर से सैंकड़ों कलाकारों और कारीगरों का पसीना और मेहनत शामिल है। यह कई मायनों में असाधारण है। इसके विभिन्न हिस्सों का डिजाइन हिन्दू पौराणिक कथाओं को कायम रखने वाली हमारी प्राचीन वास्तुकला पर आधारित है। चूंकि हरा रंग थकी हुई आंखों को बहुत राहत देता है, यह वनस्पतियों और जीवों से भी भरपूर है।
प्रांगण में अनेक पेड़ उगाए गए हैं। एक खंड में नक्षत्र वन, नारायण वन, रासी वन, नवग्रह वन, विनायक वन, सप्तऋषि वन, पंचवटी वन, पंच भूत वन के पवित्र वृक्षों को दर्शाया गया है। ये दुर्लभ पेड़ भारतीय ग्रंथों का हिस्सा रहे हैं और उनमें से कुछ विशेष रूप से देश भर से लाए गए थे। यह मंदिर सुबह से खुला रहता है लेकिन शाम को इसका दौरा करना सबसे अच्छा होता है। उस समय पूरा क्षेत्र इंद्रधनुष के रंगों से जगमगा उठता है, जिससे ऐसा महसूस होता है जैसे स्वर्ग नीचे पृथ्वी पर आ गया हो। धनुष की लंबाई के साथ सुंदर मैगा फव्वारे अनूठे दृश्य पेश करते हैं।
यहां का खुला प्राकृतिक वातावरण ताजा ऑक्सीजन के झोंके से तरोताजा कर देता है। इसके अलावा, विशाल नाट्य मंडपम में नियमित रूप से भारतीय प्रदर्शन कला से संबंधित कार्यक्रम होते हैं। यहां आने वाले लोग भरतनाट्यम या कुचिपुड़ी नृत्य शैली से लेकर गायन और कई धार्मिक/ आध्यात्मिक प्रवचनों में भी भाग ले सकते हैं।
एक केंद्रीय वातानुकूलित परिसर में रामायण से जुड़ी मूर्तियों की एक पूरी शृंखला है। जीवंत रंग, भावनाओं से भरपूर लैमिनेटेड मोल्डिंग देश के विभिन्न हिस्सों के हजारों कारीगरों द्वारा बनाई गई हैं। वे रामायण के 72 हिस्सों को महाकाव्य की शुरुआत ‘बाल कांड’ से लेकर अंत ‘युद्ध कांड’ तक के दृश्यों के साथ चित्रित करते हैं।
How to reach कैसे पहुंचें
मंदिर विजयनगर और विशाखापत्तनम से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। विशाखापत्तनम हवाई अड्डा 50 किलोमीटर और ग्रीन फील्ड भोगापुरम हवाई अड्डा 15 किलोमीटर दूर है।