Solar Eclipse 2025: खतरनाक है 2025 का पहला सूर्य ग्रहण, सिंह राशि पर ऐसा होगा असर

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2025 - 10:54 AM (IST)

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Solar Eclipse 2025: आज बात करेंगे सूर्य ग्रहण की।  2025 का पहला ग्रहण 29 मार्च को लगेगा, यह ग्रहण हालांकि भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन इसका प्रभाव बहुत ज्यादा रह सकता है पूरी दुनिया के ऊपर। सूर्य ग्रहण 29 मार्च सुबह 8.50 मिनट पर शुरू होगा और 10.47 पर यह पीक पर होगा और 12.43 मिनट पर यह पीक पर होगा। यह लगभग 4 घंटे का ग्रहण है। उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया में वेस्ट अफ्रीका में और बाकी जो दूसरा कॉन्टिनेंट है कनाडा में इसका प्रभाव नजर आ सकता है।  भारत में इसका प्रभाव नजर नहीं आएगा लिहाजा भारत में इसका सूतक नहीं लगेगा। भारत में ग्रहण शुरू होगा दोपहर 2:20 पर 06:01 पर तक शाम तक चलेगा। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए सूतक नहीं लगेगा, मंदिरों के कपाट बंद नहीं।

ग्रहण का प्रभाव कहां-कहां रहेगा ?

ग्रहण लग रहा है मीन राशि में उत्तर भाद्रपद, पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में यह ग्रहण लगेगा। भारत का जो नॉर्थ पार्ट है जो क्योंकि मीन राशि नॉर्थ दिशा को रिप्रेजेंट करती है। नॉर्दर्न पार्ट ऑफ इंडिया या नॉर्दर्न पार्ट ऑफ वर्ल्ड डिस्टर्ब हो सकता है। नेपाल, रेगिस्तान, फ्रांस, वेस्टर्न यूरोप डिस्टर्ब हो सकता है। यहां पर मीन राशि में पूर्व भाद्रपद नक्षत्र में जब ग्रहण लगेगा तो ग्रहण के प्रभाव में सूर्य, बुध भी रहेंगे। सूर्य का तो ग्रहण लग रहा है, बुध भी ग्रहण के प्रभाव में रहेंगे। शनि यहां पर है ग्रहण के प्रभाव में नजर नहीं आते लेकिन डिग्री के हिसाब से शनि भी ग्रहण के प्रभाव में है।  29 मार्च रात को शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है और सूर्य जहां पर बैठे हुए हैं वो शनि को अस्त कर रहे हैं इसलिए शनि भी डिग्री के लिहाज से ग्रहण के प्रभाव में है। ग्रहण के दौरान शनि अस्त रहेंगे, बुध अस्त रहेंगे चंद्रमा भी साथ रहेंगे तो चंद्रमा भी अस्त है। इसके अलावा बुध और शुक्र ग्रहण के समय वक्री भी है, जब इतने सारे ग्रहण एक साथ वक्री भी हो जाते हैं अस्त भी हो जाते हैं ग्रहण की भी स्थिति है तो निश्चित तौर पर यह दुनिया भर के लिए खतरनाक स्थिति हो सकती है। यह ऐसा इसलिए भी है क्योंकि 19 दिसंबर 2019 को एक ग्रहण लगा था सूर्य को और उस ग्रहण के दौरान छह ग्रह सूर्य ग्रहण के प्रभाव में आ गए थे। खास बात यह है कि उस समय गुरु भी ग्रहण के प्रभाव में थे, इस समय गुरु ग्रहण के प्रभाव में नहीं है गुरु थोड़े से बाहर नजर आ रहे हैं लेकिन गुरु पीड़ित हो जाएंगे। जब इस तरह के ग्रहण लगते हैं तो बहुत बड़े नेचुरल डिजास्टर की आशंका रहती है। 

शास्त्र कहता है कि ग्रहण का प्रभाव अगले कम से कम 45 दिन के लिए रहता है लेकिन कुछ जगह पर यदि हम संहिता ज्योतिष पढ़ते हैं तो यह भी कहा गया है कि ग्रहण का प्रभाव एक ग्रहण से अगले ग्रहण तक रहता है, तो ग्रहण का प्रभाव डिपेंड करता है। मीन राशि में जब ग्रहण लगेगा तो सूर्य का गोचर यहां पर हो रहा होगा। मीन राशि में 14 अप्रैल को सूर्य राशि परिवर्तन कर जाएंगे। 14 अप्रैल को सूर्य आगे निकल जाएंगे ग्रहण के प्रभाव से निकल जाएंगे। सूर्य मेष में राशि में जाकर उच्च के हो जाएंगे लेकिन बुध यहीं पर रहेंगे। बुध राहु-केतु एक्सिस में भी रहेंगे और  7 मई को राशि बदलेंगे। उसके बाद राहु गोचर करेंगे, राहु और शनि की युति टूट जाएगी। शुक्र 31 मई को राशि परिवर्तन करेंगे फिर यह मीन राशि को थोड़ी सी राहत मिलेगी। 29 मार्च से लेकर 29 मई तक यह दो महीने का समय सारी राशियों के लिए सेंसिटिव है। 

सिंह राशि के जातकों के लिए ग्रहण आठवें भाव में लग रहा है। आठवां भाव आयु का स्थान होता है, यहां से दुर्घटना का विचार किया जाता है। यह कुंडली का अच्छा भाव नहीं होता। आठ और 12वां भाव जो होता है वह खराब भाव कहे जाते हैं। जब इतने सारे ग्रह अष्टम में आकर बैठ जाएंगे और वो भी ग्रहण की स्थिति में तो निश्चित तौर पर अष्टम से संबंधित सारे सिग्निफिकेंट एक्टिव हो रहे हैं। यहां पर सिंह राशि के जातकों को खास तौर पर ध्यान रखने की जरूरत है। दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है, वाहन जरूर धीमा चलाइए क्योंकि राशि का स्वामी सूर्य बनता है। 

अष्टम भाव में ग्रहण की सीधी दृष्टि आपके दूसरे भाव के ऊपर है। यह कुटुंब का भाव है सप्तम भाव के स्वामी शनि है। सिंह राशि के जितने भी जातक हैं उनको पार्टनर से संबंधित परेशानी हो सकती है। पार्टनर के साथ परेशानी हो सकती है। सिंह राशि के जिनके ऊपर इस समय चंद्रमा की दशा चल रही है, खासतौर पर जिनकी उम्र 35 साल के नीचे के नीचे है वह सिंह राशि के जातक इस समय चंद्रमा की दशा से ही गुजर रहे हैं। चंद्रमा आपका ग्रहण के प्रभाव में चला गया यानी कि दशा नाथ महादशा नाथ आपका ग्रहण के प्रभाव में है। सूर्य की अंतर्दशा चल रही है वो भी ग्रहण के प्रभाव में आ गया तो निश्चित तौर पर यहां पर बहुत सारे ऐसे ग्रह हैं जो आपके लिए ग्रहण के प्रभाव में आ गए हैं।  शुक्र आपके लिए कर्म स्थान के स्वामी हैं, वो ग्रहण के प्रभाव में है। सूर्य आपके लिए राशि के स्वामी है वो ग्रहण के प्रभाव में है। आय स्थान के स्वामी वो भी ग्रहण के प्रभाव में है और शनि पार्टनर, अष्टम के छठे भाव के स्वामी है। अष्टम में बैठ गए हैं वो भी ग्रहण के प्रभाव में आ जाएंगे तो यहां पर आपको मल्टीपल एंगल से चीजों के लिए को लेकर दिक्कत हो सकती है। गुरु आपकी कुंडली में दशम भाव में है तो वो थोड़ा सा डिफेंस जरूर करेंगे क्योंकि केंद्रीय प्रभाव गुरु का आपके ऊपर रहेगा।  सिंह राशि के जातकों को ड्राइविंग स्लो करनी है। किसी की गरंटी न लें और किसी को उधार न दें। पार्टनर और अपनी हेल्थ का भी ध्यान रखें। 

सूर्य देव के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय-

सूर्य देव को जल अर्पित करें। 

सूर्य देव से जुड़ा दान दें। 

यदि आपका लगन धनु है या मीन है तो गुरु की रेमेडी जरूर करें। 

नरेश कुमार
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Content Editor

Prachi Sharma

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