Jupiter Transit 2025: गुरु अतिचारी, 14 मई से तुला राशि वालों की चमकेगी किस्मत
punjabkesari.in Friday, May 09, 2025 - 09:38 AM (IST)

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Jupiter Transit 2025: बृहस्पति राशि बदलने जा रहे हैं 15 मई को। यह 14 मई रात्रि को राशि बदलेंगे, इस बार जो गुरु की चाल है वह सामान्य चाल नहीं है। गुरु सामान्य तौर पर डेली जो मूवमेंट करते हैं किसी भी राशि में वह 5 आर्क मिनट पर डे की स्पीड होती है लेकिन इस बार जो गुरु की स्पीड है वो लगभग 11 आर्क मिनट पर डे की स्पीड से गोचर करेंगे। जब गुरु की स्पीड सामान्य से ज्यादा हो जाती है, तो गुरु का राशि परिवर्तन जल्दी भी हो जाता है। लगभग 158 दिन में सवा महीने के आसपास हो सकता है। गुरु 15 मई को गोचर करेंगे, 18 अक्टूबर को निकल जाएंगे और कर्क राशि में चले जाएंगे। 18 अक्टूबर को कर्क राशि में जाकर दोबारा वापस आएंगे क्योंकि यह वक्री हो जाएंगे। वक्री होकर फिर दोबारा वापस आएंगे मिथुन राशि में और फिर मई तक यहीं रहेंगे। मई में 14, 15 के आसपास ही दोबारा राशि बदलेंगे। ये एक साल का समय है लेकिन इस बार गुरु अतिचारी हो जाएंगे। अतिचारी मतलब शीघ्र गति है, शीघ्र गति हो जाएंगे और शीघ्र गति होकर आगे जाएंगे। आगे जाकर फिर दोबारा रेट्रोगेट होंगे। रेट्रोगेट होकर पीछे आएंगे और फिर मिथुन में आ जाएंगे। मिथुन में यहां पर रहेंगे अगले साल मई तक।
तुला राशि के जातकों के लिए गोचर बहुत शुभ है। तुला राशि के जातकों के लिए गुरु भाग्य स्थान से गोचर करेंगे। हालांकि तुला राशि ऐसी राशि है जिसके लिए गुरु दोनों अच्छे भावों के स्वामी नहीं होते। गुरु की मिथुन राशि गुरु की धनु राशि आ जाती है आपके तीसरे भाव में यह अच्छा भाव नहीं है। गुरु की मीन राशि आपके छठे भाव में, यह भी अच्छा भाव नहीं है। लेकिन चकि गुरु का गोचर अच्छा है इसलिए आपको इसका बहुत फायदा होगा। सबसे पहले तो यहां पर नाइंथ हाउस में जब गुरु बैठेंगे तो पांचवी दृष्टि आपकी राशि को ही देंगे। यदि कोई नेगेटिविटी आ रही है लाइफ में, कोई नेगेटिव विचार आ रहे हैं, नकारात्मकता ज्यादा आ रही है तो डेफिनेटली वहां पर गुरु की दृष्टि आपको पॉजिटिव करने का काम करेगी। दूसरा गुरु की दृष्टि यहां पर पड़ेगी तीसरे भाव के ऊपर। तीसरा आपका भाई, आपके पराक्रम का भाव होता है। छोटा भाई यहां से आता है तो पराक्रम में वृद्धि करवाएंगे, आपका कॉन्फिडेंस बढ़ा हुआ नजर आएगा। आपका स्टेट ऑफ माइंड थोड़ा सा पॉजिटिव रहेगा। तो आप कॉन्फिडेंस के साथ काम करेंगे, पूरी कन्विक्शन के साथ फैसले लेंगे। यहां पर गुरु बैठेंगे तो आपको आपका फाइव फिफ्थ हाउस है वहां पर देखेंगे नाइंथ दृष्टि के साथ। अब गुरु जब फिफ्थ को देखते हैं, फिफ्थ के कारक भी गुरु हैं, यह संतान का भाव होता है। यदि आप मैरिड हैं, आपको संतान की दरकार है, आप प्लानिंग कर रहे हैं, फैमिली प्लानिंग के लिए प्लानिंग कर रहे हैं तो डेफिनेटली वह समय आ रहा है। जहां पर आपका फिफ्थ एक्टिव होगा और आपको संतान की प्राप्ति हो सकती है। यह समय आपके लिए उस भाव से उस तरीके से अच्छा है। यदि लाइफ में आपकी कोई नहीं है तो कोई लाइफ में आ सकता है। कोई नया पार्टनर आपको मिल सकता है, चूंकि यहां पर गुरु भाग्य स्थान से गोचर करेंगे। निश्चित तौर पर हो सकता है कि आप कुछ आध्यात्मिक यात्राएं भी करें। आध्यात्म वाला काम थोड़ा सा बढ़ सकता है। यदि आपकी कुंडली में गुरु की पोजीशन खराब है, गुरु आपकी कुंडली में आठवें घर में है। शनि मंगल के साथ है, गुरु सूर्य के साथ आकर अस्त बैठे हैं।
इस दौरान आपको गुरु के उपाय करने चाहिए-
गुरु ज्ञान के कारक हैं। किसी बच्चे की हेल्प कर दीजिए किसी भी तरह की स्टडी में।
गुरु को मजबूत करने के लिए पीली वस्तुओं का दान करें।
गुरु का सबसे बेहतर उपाय है फल का पेड़ लगाना।
पेड़ होता बुध से आता है और गुरु फलदार पेड़ों के कारक है। यदि आप एक पौधा लगाते हैं। खासतौर पर जो धनु राशि के हैं या जो मीन राशि के हैं एक पौधा लगाते हैं और वह फलदार पौधा है। तो वह फलदार पौधा आपको फल तो देगा ही देगा, गुरु आपको अलग से फल देंगे।
आप मंदिर में कोई पीली चीज का दान कर सकते हैं। आप पीली दाल या पीले प्रसाद का भी दान कर सकते हैं। यदि आपको लगता है कि थोड़ा सा ज्यादा डिस्टर्ब कर रहे हैं ज्यादातर पीले रंग के कपड़े पहनें।
गुरु को सही करने के लिए पुखराज पहनें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि गुरु आठवें बारहवें भाव में न हो।
यदि गुरु केंद्र में है, त्रिकोण में है, 11वें भाव में है, तो पुखराज पहन सकते हैं।
नरेश कुमार
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