Smile please: मनुष्य का साथ केवल जगत का पालनहार बांसुरी वाला ही निभाता है

punjabkesari.in Saturday, Sep 30, 2023 - 10:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

अनजान होना इतने शर्म की बात नहीं, जितना सीखने के लिए तैयार न होना। —फ्रैंकलिन

नम्रता में बुद्धिमता होती है और घमंड में नाश।  —पंडित नेहरू

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जब तक शब्द मुंह से नहीं निकलता, वह आप के वश में है परंतु जब निकल जाए तब आप उसके वश में हैं।   —सुकरात

जिसने कभी कोई गलती नहीं की समझो उसने कभी कोई काम ही नहीं किया।  —नेपोलियन

भगवान श्री रामचंद्र जी समुद्र हैं तो संत महापुरुष मेघ हैं। श्री हरि चंदन के वृक्ष हैं तो संत पवन हैं। सब साधनों का फल सुंदर हरि भक्ति है। उसे संतों के बिना किसी ने नहीं पाया। जो भी संतों का संग करता है उसके लिए श्री रामचंद्र जी की भक्ति सुलभ हो जाती है।  —श्री रामायण जी

निंदा करने वाला चमगादड़ का जन्म लेता है। संसार में दरिद्रता सामान कोई दुख नहीं। संतों के मिलन के समान कोई सुख नहीं है। मन, वचन और शरीर से परोपकार करना संतों का सहज स्वभाव है। वे दूसरों की भलाई के लिए दुख सहते हैं। —श्री रामायण जी

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अब्राहम लिंकन ने कहा था, ‘‘यह मत पूछो कि देश आप के लिए क्या कर सकता है ? यह पूछो कि आप अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं ?’’ शायद हम यह भूल जाते हैं कि हमने एक जिम्मेदार नागरिक बनना है। ऐसे काम करें जिससे हमारे देश का नाम ऊंचा हो।

मनुष्य का साथ केवल जगत का पालनहार बांसुरी वाला ही निभाता है वह अपने भक्तों के संग हमेशा रहता है।   —मानात्मानंद पुरी

सरलता-मधुरता-दयालुता ही हमें सही इंसान बनाने का अवसर प्रदान करती है। जो सुंदर जीवन में रुकावट पैदा करे ऐसे व्यक्ति का साथ छोड़ देना चाहिए। —संचिता महाराज

यदि आपने कभी मेहनत का काम नहीं किया तो फिर अपने बच्चों से भी किसी चमत्कार की उम्मीद मत रखें। आप अपने बच्चों में पढ़ने की आदत डालना चाहते हैं तो स्वयं भी किताबें पढ़ना शुरू कर दें। —सुधा मूर्ति

जिसको अपने आप पर पूरा विश्वास नहीं, वह अपने काम में किसी प्रकार की कुशलता या सफलता का भागीदार नहीं बन सकता। कार्य कुशलता तथा एकाग्रता तभी सम्भव हो सकती है जब आप चिंता मुक्त हो जाएं।            —स्वेट मार्डन

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Content Writer

Niyati Bhandari

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