Sikar Bhairav Temple: सीकर के इस मंदिर में पक्ष अनुसार होती है भैरव पूजा, जानिए इससे जुड़ी अनोखी मान्यताएं

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 07:55 AM (IST)

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Sikar Bhairav Temple: भारत में वैसे तो कई प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है, जो अपनी अनोखी परंपरा और मान्ताओं के लिए जाने जाते हैं। सीकर जिले में स्थित भैरव मंदिर अपनी अनोखी परंपराओं और रहस्यमय मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भक्तों के बीच खासा आकर्षण रखता है, क्योंकि यहां भैरव जी की पूजा केवल विशेष पक्षों और तिथियों पर ही होती है  यह मंदिर लगभग 1046 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना का श्रेय हर्ष नामक तपस्वी को जाता है, उन्होंने यहां तपस्या करके भैरवत्व प्राप्त किया था। मंदिर में काले और गोरे भैरव के दो रूप प्रतिष्ठित हैं, जिनकी पूजा विशेष रूप से कृष्ण और शुक्ल पक्ष के अनुसार की जाती है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर की अनोखी मान्ताओं और इतिहास के बारे में-

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पूजा की विशेष परंपरा
इस मंदिर की सबसे अलग विशेषता यह है कि यहां कृष्ण पक्ष के 15 दिनों में काले भैरव की पूजा होती है और शुक्ल पक्ष के 15 दिनों में गोरे भैरव की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस समय भैरव जी की विशेष रूप से पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाओं जल्द पूरी होती है। साथ ही इस मंदिर में पूजा करने से घर और परिवार में नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

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पूजा की विशेष विधियां
मंदिर में पूजा केवल पारंपरिक मंत्रों और साधनों से ही नहीं होती, बल्कि इसे विशेष समय और विधि के अनुसार संपन्न किया जाता है। पुजारी भक्तों को सही समय और मंत्र बताते हैं, ताकि पूजा का पूरा लाभ मिल सके।

भक्तों के अनुभव
जो लोग इस मंदिर में नियमित रूप से आते हैं, उनका कहना है कि पक्ष अनुसार पूजा करने से भैरव जी की कृपा जल्दी महसूस होती है। कई भक्त बताते हैं कि इस मंदिर में दर्शन के बाद उनके जीवन की कठिन समस्याएं हल हुईं और जीवन में स्थायित्व आया है।

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Content Editor

Sarita Thapa

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